नियमों की धज्जियां उड़ाकर कीं गलत नियुक्तियां, EOW ने पूर्व सीएस इकबाल सिंह बैंस समेत 3 पूर्व IAS के खिलाफ जांच की अनुमति मांगी

भोपाल। राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो EOW ने आजीविका मिशन में नियम विरुद्ध नियुक्तियों के मामले में पूर्व सीएस इकबाल सिंह बैंस समेत 3 पूर्व IAS के खिलाफ जांच की अनुमति मांगी है। आरोप है कि इन नियुक्तियों में अफसरों ने खुलकर नियमों की अनदेखी की। साथ ही विभागीय मंत्री के आदेशों को भी नहीं माना। बैंस पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान के खासमखास रहे और दोनो के बीच व्यवसायिक रिश्ते भी बताए जाते हैं।

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नियमों की धज्जियां उड़ाकर कीं गलत नियुक्तियां, EOW ने पूर्व सीएस इकबाल सिंह बैंस समेत 3 पूर्व IAS के खिलाफ जांच की अनुमति मांगी 3

EOW ने पूर्व मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस और दो पूर्व IAS अफसरों के खिलाफ पद के दुरुपयोग और भ्रष्टाचार के मामले की जांच के लिए सामान्य प्रशासन विभाग (GAD) से अनुमति मांगी है। बता दें कि 2017-18 में आजीविका मिशन में मिशनकर्मियों की नियम विरुद्ध नियुक्ति और इसमें किए गए भ्रष्टाचार की शिकायत EOW में 12 फरवरी को की गई थी। मगर कोई कार्रवाई नहीं होने पर आवेदक आरके मिश्रा ने सीजेएम कोर्ट में परिवाद दायर कर दिया। इसके बाद कोर्ट ने 28 मार्च तक ईओडब्ल्यू से इस मामले में की गई जांच और कार्रवाई की स्टेटस रिपोर्ट तलब कर ली। जिसके बाद आनन- फानन EOW ने इस मामले में सामान्य प्रशासन विभाग (GAD) से अनुमति मांगी है।

जिन अफसरों के खिलाफ जांच की मांग की गई है, उनमें पूर्व मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, अशोक शाह, महिला एवं बाल विकास विभाग के तत्कालीन अपर मुख्य सचिव, मनोज कुमार श्रीवास्तव, ग्रामीण एवं पंचायत विभाग के तत्कालीन एसीएस और ललित मोहन बेलवाल, आजीविका मिशन के तत्कालीन राज्य प्रबंधक शामिल हैं। बेलवाल बैंस के सबसे प्रिय अधिकारी रहे और बैंस ने उन्हें सेवावृद्धि भी दिलाई।

मामला आजीविका मिशन के तहत 15 नए जिलों में मिशनकर्मियों की नियुक्ति से जुड़ा हुआ है। शिकायत में कहा गया है कि तत्कालीन राज्य स्तरीय परियोजना प्रबंधक ललित मोहन बेलवाल ने 8 मार्च 2017 को प्रशासकीय स्वीकृति के लिए फाइल तत्कालीन अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग इकबाल सिंह बैंस को भेजी थी। इसमें रिक्त पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी करने की बात कही गई। एक अन्य विभागीय अधिकारी ने इस मामले में चयन प्रक्रिया के लिए पांच सदस्यीय समिति बनाने की टीप लिखी, जिसे बैंस ने नकार दिया। साथ ही इस फाइल को विभागीय गया मंत्री के पास भी नहीं भेजा गया। मंत्री ने भर्ती की प्रक्रिया  प्रोफेशनल एक्जामिनेशन बोर्ड से करवाने को कहा, तो मंत्री के उस निर्देश को भी दरकिनार कर दिया गया।

जानकारी के अनुसार EOW ने माना है कि ग्रामीण एवं पंचायत विभाग के तत्कालीन अपर मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, महिला एवं बाल विकास विभाग के तत्कालीन अपर मुख्य सचिव अशोक शाह, बाद में ग्रामीण एवं पंचायत विभाग के एसीएस रहे मनोज कुमार श्रीवास्तव और आजीविका मिशन के तत्कालीन राज्य प्रबंधक ललित मोहन बेलवाल के खिलाफ शिकायत मिली है। इसका परीक्षण भी कराया गया। इसमें पता चला कि इन अफसरों द्वारा किए गए विवादित कार्य या आदेश शासकीय पद पर रहते हुए जारी किए गए हैं। ऐसे में इनके खिलाफ जांच के लिए सामान्य प्रशासन विभाग की अनुमति जरुरी है। ईओडब्ल्यू की ओर से सामान्य प्रशासन के प्रमुख सचिव को पत्र लिखा गया है।

मामला दबाने की कोशिश

मामले का खुलासा होने पर जांच का जिम्मा आईएएस नेहा मारव्या को सौंपा गया था। उन्होंने 8 जून 2022 को रिपोर्ट दी, जिसमें नियुक्तियों में गड़बड़ियों को स्वीकारा गया। इसके बावजूद प्रकरण दर्ज नहीं कराया गया। दो सीनियर आईएएस अशोक शाह और मनोज श्रीवास्तव ने इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की। बाद में ललित मोहन बेलवाल से इस्तीफा दिलवाकर मामला दबाने की कोशिश की गई।

Sanjay Saxena

BSc. बायोलॉजी और समाजशास्त्र से एमए, 1985 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय , मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के दैनिक अखबारों में रिपोर्टर और संपादक के रूप में कार्य कर रहे हैं। आरटीआई, पर्यावरण, आर्थिक सामाजिक, स्वास्थ्य, योग, जैसे विषयों पर लेखन। राजनीतिक समाचार और राजनीतिक विश्लेषण , समीक्षा, चुनाव विश्लेषण, पॉलिटिकल कंसल्टेंसी में विशेषज्ञता। समाज सेवा में रुचि। लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को समाचार के रूप प्रस्तुत करना। वर्तमान में डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से जुड़े। राजनीतिक सूचनाओं में रुचि और संदर्भ रखने के सतत प्रयास।

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