Vijay Shah Case: जांच कर रही है SIT या मज़ाक..? उस लैब में वीडियो जाँच के लिए पत्र लिखा, जहाँ इसकी सुविधा नहीं..!

भोपाल। कर्नल सोफिया कुर्रेशी पर अमर्यादित टिप्पणी कर घिरे मध्य प्रदेश के कैबिनेट मंत्री विजय शाह के मामले की जाँच कर रही एसआईटी की जांच प्रक्रिया मज़ाक बनती दिख रही है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गठित एसआईटी ने जाँच के दौरान उनका वीडियो की प्रमाणिकता जांचने के लिए जिस लैब को पत्र भेजा, उस लैब में वीडिओ की जांच होती ही नहीं है।

कर्नल सोफिया कुर्रेशी पर अमर्यादित टिप्पणी करने वाले विजय शाह पर एमपी हाईकोर्ट के आदेश के बाद पुलिस ने मामला दर्ज किया है, इसके खिलाफ वे सुप्रीम कोर्ट गए हैं जहाँ से उन्हें गिरफ़्तारी से अंतरिम राहत मिली है लेकिन उनकी बाकि सभी मांगे अस्वीकार कर दी गई, सर्वोच्च अदालत के फैसले के बाद अब मामले की जाँच स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम यानि SIT कर रही है।

अब इसी एसआईटी का एक एक्शन चर्चा में है जिसमें उसकी भूमिका पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं, दर असल एसआईटी विजय शाह के वीडियो की प्रमाणिकता जांचना चाहती है इसके लिए उसने भोपाल लैब को पत्र लिखा, जिसके जवाब में लैब ने लिखा कि उनके यहाँ ये सुविधा नहीं है।

SIT की भूमिका पर इसलिए उठ रहे सवाल
आपको बता दें की वीडियो की प्रमाणिकता जांचने की सुविधा मध्य प्रदेश की किसी भी लैब में नहीं है तो अब चर्चा हो रही है कि क्या जांच को लम्बा खींचने के लिए एसआईटी ने ऐसा किया, सियासी गलियारे में चर्चा हो रही है क्या एसआईटी में मौजूद तीनों सीनियर आईपीएस अधिकारियों को ये बेसिक जानकारी नहीं थी।

Sanjay Saxena

BSc. बायोलॉजी और समाजशास्त्र से एमए, 1985 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय , मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के दैनिक अखबारों में रिपोर्टर और संपादक के रूप में कार्य कर रहे हैं। आरटीआई, पर्यावरण, आर्थिक सामाजिक, स्वास्थ्य, योग, जैसे विषयों पर लेखन। राजनीतिक समाचार और राजनीतिक विश्लेषण , समीक्षा, चुनाव विश्लेषण, पॉलिटिकल कंसल्टेंसी में विशेषज्ञता। समाज सेवा में रुचि। लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को समाचार के रूप प्रस्तुत करना। वर्तमान में डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से जुड़े। राजनीतिक सूचनाओं में रुचि और संदर्भ रखने के सतत प्रयास।

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