Nursing ghotala: 13 कॉलेजों के पते पर भेजी अंकसूची लेने वाला भी कोई नहीं, वापस आईं

भोपाल । जिन नर्सिंग कॉलेजों में बड़ी संख्या में विद्यार्थियों के पढ़ने का दावा किया जाता है, वहां उनकी अंकसूची लेने वाला कोई नहीं मिल रहा। प्रदेश में ऐसे एक-दो नहीं, बल्कि 13 कालेज हैं। मप्र नर्सिंग काउंसिल की ओर से इन कॉलेजों को भेजी गई विद्यार्थियों की अंकसूचियां पते पर किसी के नहीं मिलने के कारण वापस आ गई हैं। इनमें 3 वे कॉलेज भी हैं, जिन्हें हाई कोर्ट के निर्देश पर सीबीआई ने अपनी जांच में दुरुस्त यानी मापदंड के अनुसार संचालित होना बताया है। प्रदेश में सिर्फ कागजों में या फिर छोटे मकानों में नर्सिंग कालेज संचालित होने के कई किस्से सामने आते रहे हैं।

बता दें कि सीबीआई ने अपनी जांच में 66 कॉलेजों को अनफिट, 169 को फिट और 73 कालेजों को कमियों के साथ उपयुक्त बताया था। कॉलेजों को उपयुक्त बताने के लिए सीबीआई अधिकारियों द्वारा रिश्वत लेने का खुलासा होने के बाद फिट कॉलेजों की फिर से जांच करने के लिए हाई कोर्ट ने सीबीआई से कहा है।

क्या डर से बदल दिए पते
एनएसयूआइ मेडिकल विंग के रवि परमार ने कहा कि लगता है कि नर्सिंग कॉलेज सिर्फ कागजों में ही संचालित हो रहे हैं। यह भी हो सकता है कि सीबीआई जांच के डर से कॉलेजों ने अपने पते बदल दिए हैं, जिसकी जानकारी नर्सिंग काउंसिल को भी नहीं दी गई। इनमें सीबीआई ने जिन कॉलेजों को उपयुक्त बताया है, उनमें एसआर नर्सिंग कॉलेज होशंगाबाद, अमलतास नर्सिंग कालेज देवास और संजीवनी नर्सिंग कालेज बड़वानी शामिल हैं।

Sanjay Saxena

BSc. बायोलॉजी और समाजशास्त्र से एमए, 1985 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय , मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के दैनिक अखबारों में रिपोर्टर और संपादक के रूप में कार्य कर रहे हैं। आरटीआई, पर्यावरण, आर्थिक सामाजिक, स्वास्थ्य, योग, जैसे विषयों पर लेखन। राजनीतिक समाचार और राजनीतिक विश्लेषण , समीक्षा, चुनाव विश्लेषण, पॉलिटिकल कंसल्टेंसी में विशेषज्ञता। समाज सेवा में रुचि। लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को समाचार के रूप प्रस्तुत करना। वर्तमान में डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से जुड़े। राजनीतिक सूचनाओं में रुचि और संदर्भ रखने के सतत प्रयास।

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