MPEB : 15000 सैलरी वाले को फेंका 50 KM दूर, मोटे वेतन वाले अफसर शहर में डटे, ऊपर से संरक्षण..

भोपाल। मध्य क्षेत्र बिजली वितरण कंपनी कर्मचारियों से भेदभाव कर रही है। महज 10-15 हजार रुपए प्रतिमाह पाने वाले 5 हजार आउटसोर्स कर्मचारियों के तबादले 10 से 100 किमी दूर कर दिए। वहीं, लाखों की पगार वाले भोपाल में बरसों से डटे अफसरों को कृपा बरसा रहे हैं। यहाँ अफसरों का बाकायदा रैकेट बन गया है, ये उपभोक्ताओं के फोन तक नहीं उठाते और ना ही ठीक से बात करते हैँ। उच्च स्तर के अधिकारियों से लेकर मंत्री के बंगलों तक इनकी सेटिंग है।

अब कर्मचारी तनाव में हैं। वे नौकरी छोड़ रहे हैं तो कुछ अवकाश पर जा रहे हैं। उनका कहना है कि उन्हें 96-98 हजार मिलने चाहिए, पर 10-15 हजार ही मिल रहे हैं। अब तबादला हो रहा है। किराये के मकान और अन्य खर्च इस तनख्वाह पूरी नहीं होगी। परिवार पालना मुश्किल होगा। तबादले एमडी क्षितिज सिंघल व एचआर के अफसरों के कहने मई-जून में किए।

महिलाएं भी है शामिल
इनमें कई आउटसोर्सकर्मी दिव्यांग व महिलाएं भी शामिल हैं। नियमित कर्मियों के तबादले नहीं किए हैं, न ही भोपाल जैसे शहरों में सेवाकाल का ज्यादातर समय काट चुके लाखों पाने वाले अफसरों को भी बाहर नहीं भेजा। आउटसोर्स कर्मियों के आरोप है कि अफसरों को एक-दूसरे की हकीकत पता है इसलिए जांच भी नहीं कराई जा रही, जबकि हमारा कोई पक्ष वाले नहीं है इसलिए परेशान किया जा रहा है।
अफसरों का तर्क-गड़बड़ी कर रहे थे कर्मचारी
बिजली कंपनी के अधिकारी इन तबादलों के पीछे व्यवस्थाओं में सुधार का हवाला दे रहे हैं। उनका कहना है कि ज्यादातर आउटसोर्स कर्मियों की क्षेत्र में उपभोक्ताओं को परेशान करने संबंधी शिकायतें मिल रही हैं। बिल में गड़बड़ी करते हैं, शिकायतें समय पर नहीं सुनते। वसूली रख लेते हैं। वहीं, आउटसोर्स कर्मचारियों का कहना है कि क्षेत्र में अधिकारी जो चाहते हैं, उसी तर्ज पर काम करना पड़ता है, मना करने पर नौकरी से हटा दिए जाते हैं।

रुकवाए थे तबादले
हाईकोर्ट बैंच इंदौर व श्रमायुक्त इंदौर ने बिजली वितरण कंपनियों को आदेशित किया है कि आउटसोर्स कर्मियों का 11 माह के बकाया एरियर दिया जाए, जिसका पालन अब तक नहीं कराया गया। 2018 में मध्य क्षेत्र बिजली वितरण कंपनी के एमडी रहते विवेक पोरवाल के समय करीब 1 हजार नियमित कर्मियों के तबादले हुए थे। तब भी दिव्यांगकर्मियों के तबादले किए जाने की प्रक्रिया शुरु नहीं की गई थी।
विरोध बढ़‌ते देख 2 बिंदुओं पर बदलाव की तैयारी
सब स्टेशन मेंटेनेंस व पावर ट्रांसफार्मर मेंटेनेंस टीम में तैनात कर्मियों के तबादले वापस लिए जाएंगे।
दिव्यांग कर्मी, जिनका तबादला 40 किमी से दूर हुआ है, उसे निरस्त करेंगे लेकिन पुरानी जगह पर नहीं रखेंगे। 40 किमी के दायरे में कहीं भी पदस्थ करेंगे।

Sanjay Saxena

BSc. बायोलॉजी और समाजशास्त्र से एमए, 1985 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय , मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के दैनिक अखबारों में रिपोर्टर और संपादक के रूप में कार्य कर रहे हैं। आरटीआई, पर्यावरण, आर्थिक सामाजिक, स्वास्थ्य, योग, जैसे विषयों पर लेखन। राजनीतिक समाचार और राजनीतिक विश्लेषण , समीक्षा, चुनाव विश्लेषण, पॉलिटिकल कंसल्टेंसी में विशेषज्ञता। समाज सेवा में रुचि। लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को समाचार के रूप प्रस्तुत करना। वर्तमान में डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से जुड़े। राजनीतिक सूचनाओं में रुचि और संदर्भ रखने के सतत प्रयास।

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