MP PWD घोटाला: DCM Test Labs की रिपोर्ट के आधार पर करोड़ों का भ्रष्टाचार..!

भोपाल)। मध्यप्रदेश लोक निर्माण विभाग (PWD) में निर्माण कार्यों की गुणवत्ता जांचने के नाम पर बड़ा खेल सामने आया है। विभाग ने जिन रिपोर्ट्स के आधार पर हजारों करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट्स को उच्च गुणवत्ता का प्रमाणपत्र दिया, उनकी वैधानिकता संदेह के घेरे में है। यदि गंभीरता से जांच हुई तो यह एक संगठित भ्रष्टाचार साबित हो सकता है जिससे हजारों करोड़ रुपए के खराब गुणवत्ता वाले निर्माण कार्य को उच्च बताकर सरकारी धन का अपव्यय किया गया है।
नियम के अनुसार, निर्माण कार्य की गुणवत्ता की थर्ड पार्टी टेस्टिंग केवल NABL (National Accreditation Board for Testing and Calibration Laboratories) से मान्यता प्राप्त लैब द्वारा ही की जा सकती है। हालांकि बाद में नियमों को शिथिल कर ISO-IEC प्रमाणपत्र तक सीमित कर दिया गया।
इसी नियम के तहत PWD ने भोपाल की डीसीएम टेस्ट लैब्स (DCM Test Labs) को एमपैनल किया था। NABL जब किसी लैब को मान्यता देता है तो वह साफ-साफ बताता है कि वह लैब किन-किन जांचों (Scope of Testing) के लिए अधिकृत है।
NABL के अनुसार DCM टेस्ट लैब्स का स्कोप
बिल्डिंग मटेरियल – 34 टेस्ट
मेटल – 4 टेस्ट
मिट्टी और पत्थर – 6 टेस्ट
कुल – 44 टेस्ट
स्कोप से बाहर की रिपोर्ट भी जारी
जांच में सामने आया है कि डीसीएम टेस्ट लैब्स ने अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर भी टेस्टिंग रिपोर्ट जारी कीं। ये रिपोर्ट NABL की अधिकृत सूची में शामिल नहीं हैं, फिर भी लोक निर्माण विभाग ने उन्हें मान्य कर ठेकेदारों के कार्यों को उच्च गुणवत्ता वाला प्रमाणित कर दिया।
DCM द्वारा जारी संदिग्ध रिपोर्ट्स (NABL स्कोप से बाहर).
1. जिओ-टेक्निकल रिपोर्ट.
2. केमिकल टेस्ट
3. पानी की जांच
4. वायु की जांच
5. दरवाजे और टाइल्स की जांच
6. सरिए और सीमेंट के कई टेस्ट
इन रिपोर्ट्स का NABL से कोई लेना-देना नहीं है। सवाल उठता है कि जब लैब अधिकृत ही नहीं थी तो फिर विभाग ने इन्हें क्यों स्वीकार किया?
हजारों करोड़ के प्रोजेक्ट्स पर असर
दस्तावेजों की पड़ताल में यह भी खुलासा हुआ है कि डीसीएम की रिपोर्ट्स कई बड़े सरकारी प्रोजेक्ट्स में उपयोग की गईं। इन प्रोजेक्ट्स की अनुमानित लागत हजारों करोड़ रुपए है।
प्रमुख प्रोजेक्ट्स जिनमें DCM रिपोर्ट का इस्तेमाल.
1. मुख्यमंत्री सीएम राइस स्कूल .
2. आवास योजना
3. आंगनबाड़ी भवन
4. राजमार्ग परियोजना
5. पुल निर्माण
6. हमीदिया अस्पताल
संभावना है कि घटिया गुणवत्ता वाले कार्यों को फर्जी रिपोर्ट्स के सहारे “उच्च गुणवत्ता” का दर्जा देकर करोड़ों का सरकारी धन ठेकेदारों को जारी कर दिया गया।
शिकायत पर विभाग की चुप्पी
इस मामले की शिकायत लोक निर्माण विभाग के दोनों प्रमुख अभियंताओं से की गई है। लेकिन अब तक शिकायत पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है और अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं।
यह मामला सिर्फ फर्जी टेस्ट रिपोर्ट का नहीं बल्कि PWD अधिकारियों, DCM टेस्ट लैब्स और ठेकेदारों के बीच संभावित गठजोड़ का प्रतीक है। यदि इसकी स्वतंत्र और तकनीकी जांच हुई तो करोड़ों नहीं बल्कि हजारों करोड़ का भ्रष्टाचार सामने आ सकता है।





