MP PWD : सड़कों की गुणवत्ता से किया खेल, 18 अफसरों और 30 ठेकेदारों पर गिरी गाज

भोपाल। प्रदेश में सड़कों की गुणवत्ता के साथ खिलवाड़ करने वाले 30 ठेकेदार व 18 अफसरों पर गाज गिरी है। ये कार्रवाई औचक निरीक्षण व 10 हजार किमी सड़कों के जीआइएस आधारित सर्वे और 7800 शिकायतों की जांच के आधार पर की। सर्वे रोड एसेट मैनेजमेंट सिस्टम से किया गया, जबकि शिकायतें लोकपथ ऐप पर मिली थीं।
लोक निर्माण विभाग का दावा है कि बीते 18 महीने में कामों को पारदर्शी, गुणवत्तापूर्ण बनाने की दिशा में काम हो रहे हैं। मोबाइल एप 2024 में लांच किया गया। एक वर्ष में इसमें 7800 से अधिक शिकायतें मिलीं, जिनमें से 95 प्रतिशत का समय-सीमा के भीतर निपटारा किया गया।
लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने इंटीग्रेटेड प्रोजेक्ट मैनेजमेंट सिस्टम लागू किया है। इससे बजटिंग, स्वीकृति, टेंडरिंग और प्रगति की प्रक्रिया ऑनलाइन हो गई। पीएम गतिशक्ति पोर्टल पर 55 हजार किलोमीटर सड़कों की मैपिंग पूरी हो चुकी है। 14 विभागीय प्रयोगशालाओं को आधुनिक तकनीकी आधारित उपकरण व मोबाइल लैब शुरू किए हैं।
तकनीकी का उपयेाग
सड़कों की मजबूती और टिकाऊपन के लिए विभाग ने फुल डेप्थ रिक्लेमेशन, व्हाइट टॉपिंग, माइक्रो सरफेसिंग, जेट पेचर, ग्लास ग्रिड और जियोग्रिड जैसी तकनीकों को अपनाया है। यूएचपीएफआरसी, जीएफआरपी और वेस्ट प्लास्टिक आधारित सड़क निर्माण को भी भविष्य में लागू करने की योजना है।
औचक निरीक्षण हुए
विभाग में मुख्य अभियंताओं की टीम जिलों का रैंडम निरीक्षण करती है। इसके तहत गड़बड़ी पर कार्रवाई व अच्छा काम करने पर सम्मान मिलता है। पेड़ों की कटाई की जगह ट्री शिफ्टिंग की व्यवस्था अपनाई है। सड़कों के किनारे ग्राउंड वॉटर रिचार्ज बोर और मिट्टी से बने ‘लोक कल्याण सरोवर’ जैसी पहलें शुरू की गईं हैं।