MP : पुलिसवाला गुंडा…5 मामलों में नामजद आरोपी, हत्या का आरोपी, मिली ज़मानत…

गुना। आत्माराम पारदी मर्डर मामले में फ्रॉड के आरोपों में गिरफ्तार किए गए बर्खास्त SI रामवीर कुशवाह को ग्वालियर हाईकोर्ट ने जमानत दे दी है। उधर, CID ने इसी केस में कुशवाह को रिमांड पर लेने के लिए जिला कोर्ट में आवेदन लगाया है।
रामवीर कुशवाह ने पुलिस की नौकरी का इस्तेमाल अपराध को कम करने के लिए नहीं बल्कि खुद उसमें हिस्सेदार बनने के लिए किया। नौकरी की शुरुआत बतौर आरक्षक करने के बाद रामवीर ने शपथ ली थी कि जब तक ASI नहीं बन जाता, वर्दी नहीं पहनूंगा। आउट ऑफ टर्म प्रमोशन पाकर वो हेड कॉन्स्टेबल बना। इसके बाद 2010 में ASI के पद पर प्रमोट हुआ।
एक-एक कर उस पर लगातार कई गंभीर आरोप लगते रहे, लेकिन रसूख के दम पर वो बचता रहा। फिलहाल, वह 5 मामलों में नामजद आरोपी है। 2008 में ASI की खुदकुशी और दिल्ली में हुई डकैती मामले में भी उसकी भूमिका संदिग्ध रही है।
एनकाउंटर के बाद मिला प्रमोशन
रामवीर कुशवाह मूल रूप से शिवपुरी जिले के रन्नौद गांव का रहने वाला है। 1 जुलाई 1997 को शिवपुरी जिले में आरक्षक के पद पर भर्ती हुआ था। 2005 में एक एनकाउंटर के बाद आउट ऑफ टर्न प्रमोशन मिला, जिससे हेड कॉन्स्टेबल बन गया।
2010 में ASI के पद पर प्रमोशन हुआ और 2013 में SI बना। इस दौरान ग्वालियर रेंज के शिवपुरी, अशोकनगर और गुना जिलों में नौकरी की, अधिकांश समय गुना में ही बीता। वह ज्यादातर समय बिना वर्दी के ही दिखाई देता था। स्थानीय लोग उसे ‘दाऊ’ के नाम से जानते हैं।
आत्माराम पारदी हत्याकांड में फरार होते समय रामवीर कुशवाह की पोस्टिंग आगर मालवा में थी। इस हत्याकांड में हाई कोर्ट से अग्रिम जमानत मिलने के बाद वह गुना लौट आया। गुना में उसके खिलाफ कई अन्य मामले भी दर्ज थे। पुलिस ने ऐसे ही एक मामले में उसे गिरफ्तार कर लिया।
ओवर कॉन्फिडेंस ने पहुंचाया बर्खास्त SI को जेल
बर्खास्त रामवीर को शायद यह लगा कि हत्या जैसे केस में जमानत मिलने के बाद बाकी केसों में भी आसानी से जमानत मिल जाएगी। इसी वजह से वह गुना पहुंच गया और अपने घर पर लोगों से मिलने लगा। समर्थकों ने उसका स्वागत मालाएं पहनाकर किया, जिसके वीडियो सोशल मीडिया पर डाले गए।
वीडियो सामने आने के बाद पुलिस ने उसकी निगरानी शुरू कर दी। उसकी गिरफ्तारी के लिए CSP प्रियंका मिश्रा के नेतृत्व में ‘स्पेशल 12’ की टीम बनाई गई। पुलिस ने एक विशेष रणनीति अपनाई। सभी पुलिसकर्मियों को सादे कपड़ों में बुलाया गया और एक गुप्त स्थान पर ब्रीफिंग दी गई। इसके बाद पुलिस टीम प्राइवेट कारों और बाइकों से रामवीर के घर के लिए रवाना हुई।
सबसे पहले दो बाइकों को उसके घर की तरफ भेजा गया, जबकि बाकी टीम पीछे रही। जैसे ही बाइक सवार पुलिसकर्मियों ने इशारा किया, टीम ने सीधे रामवीर के घर पर दबिश दी और उसे पकड़ लिया। उसे भागने का कोई मौका नहीं मिला।
आत्माराम पारदी की हत्या में मुख्य आरोपी
SI रामवीर कुशवाह पर पहला मामला आत्माराम पारदी की हत्या का दर्ज हुआ। 9 जून 2015 के दिन आत्माराम अपनी मां अप्पी बाई, बहन और परिवार के 7 सदस्यों के साथ पार्वती नदी में अपनी बहन की सास मिश्रीबाई की अस्थियां विसर्जित करने गया था। उसके ऊपर चोरी का एक केस दर्ज था। तीन दिन जेल में रहने के बाद ही उसकी जमानत हो गई थी।
एक ही मामले में रामवीर कुशवाह पर दो FIR
धरनावदा थाने में दर्ज दो अन्य मामले एक ही केस से जुड़े हुए हैं। 20 जून 2015 की रात 10.40 बजे रूठियाई में पेट्रोल पम्प के कर्मचारी पुरुषोत्तम सैनी ने रोड किनारे अज्ञात व्यक्ति के जलने की सूचना पुलिस को दी थी। एसआई रामवीर सिंह मौके पर पहुंचा। 21 जून को जले हुए व्यक्ति की उपचार के दौरान जिला अस्पताल गुना में मौत हो गई थी।
उसकी शिनाख्त ट्रक ड्राइवर माखन कुशवाह (30) पुत्र गोपाल कुशवाह निवासी नाराहट जिला ललितपुर, उत्तर प्रदेश के रूप में हुई थी। जांच के बाद इस मामले में रामवीर कुशवाह पर आत्महत्या के लिए उकसाने और सरकारी कर्मचारी द्वारा किसी व्यक्ति को चोट पहुंचाने के तहत दो FIR दर्ज की गई।
इस मामले में सबसे खास बात यह थी कि रोजनामचे के अनुसार रूठियाई से गुना जिला अस्पताल तक 18 किलोमीटर की दूरी तय करने में एम्बुलेंस को पांच घंटे का समय लग गया था। इस केस में जांच चल रही है।
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