MP: राजगढ़ में ठेले पर तड़पता रहा मरीज, मौत हुई… डॉक्टर बोले- ये मरे या जीए, हमें कोई फर्क नहीं पड़ता…?

राजगढ़। जिले के माचलपुर में 60 साल के बुजुर्ग की समय पर इलाज नहीं मिलने से मौत हो गई। लगातार खांसी और घबराहट होने के बाद हाथ ठेले पर लेटाकर उन्हें माचलपुर अस्पताल ले जाया गया। जहां डॉक्टरों ने हड़ताल पर होने की बात कहते हुए मरीज को कहीं और ले जाने की बात कही।

राजस्थान के झालावाड़ लेकर जाते समय वृद्ध ने रास्ते में दम तोड़ दिया। शनिवार शाम परिजनों ने इस मामले पर डॉक्टर पर सख्त कार्रवाई की मांग करते हुए लिखित शिकायत दर्ज करवाई।

डॉक्टरों ने मेरे पापा का इलाज के लिए मना किया

बेटे पवन ने बताया पति शिव प्रसाद मालाकार (60) साल की शुक्रवार (26 अप्रैल) को रात करीब 9 बजे अचानक तबीयत बिगड़ गई। हम उन्हें हाथ ठेले पर सरकारी अस्पताल लेकर पहुंचे थे।

सरकारी अस्पताल के दोनों डॉक्टरों ने इलाज करने से मना कर दिया। दवा देना तो दूर उन्होंने हाथ पकड़कर भी नहीं देखा। विनती करने के बाद भी इलाज नहीं मिला तो राजस्थान के लिए निकले। झालावाड़ के अस्पताल में डॉक्टर बोले कि 15 मिनट पहले आते तो यह बच जाते।

क्या था मामला

दरअसल, कल यानी 26 अप्रैल को दोपहर एक्सीडेंट के मामले में उपचार कराने के लिए सादलपुर गांव के कुशाल दांगी अपने परिजन को लेकर अस्पताल पहुंचे थे। जिसका उपचार डॉ. पायल पाटीदार की ओर से किया जा रहा था। घायल के परिजन बड़े डॉक्टर को बुलाकर इलाज के लिए कह रहे थे। इसी बात को लेकर डॉक्टर और घायल के परिजनों के बीच कहासुनी हो गई थी। डॉ पायल पाटीदार ने इसकी जानकारी ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर डॉ. मनोज गुप्ता को दी थी।

जिस पर बीएमओ मौके पर पहुंचे और कहासुनी करने वाले युवक को पकड़कर थाने ले गए। घटना के बाद महिला डॉक्टर से अभद्रता को लेकर बीएमओ ने कर्मचारियों को बुलाया और अस्पताल परिसर में गेट के बाहर धरने पर बैठ गए। यहां धरना शुक्रवार को शाम 5 बजे से रात 11 बजे तक चला था। जिसमें जीरापुर और माचलपुर के डॉक्टर, स्वस्थ कर्मचारी सहित शामिल थे।

डॉक्टरों ने कहा- मरे या जीए, हमें फर्क नहीं पड़ता

पवन ने माचलपुर थाने में डॉक्टर भरत शाक्य और मेडिकल ऑफिसर डॉ. अमर सिंह धुर्वे के खिलाफ लिखित शिकायत की है। उसने बताया कि हमने वहां डॉक्टर साहब से कहा कि इनको चेक कर लो। इनको खांसी और घबराहट हो रही है। डॉक्टर ने कहा कि नहीं करूंगा। ये मरे या जीए हमें कोई फर्क नहीं पड़ता। चिल्लाकर हमें अस्पताल से बाहर निकाल दिया। इस वीडियो साक्ष्य और गवाह हमारे पास हैं। इधर, CMHO डॉ. किरण वाडिया ने कहा कि माचलपुर मामला मुझे पता है। लेकिन ये नहीं पता है कि बुजुर्ग की मौत के बाद उसके परिजनों ने थाने में शिकायत की है। मैं इस मामले में जांच करवा रही हूं। उसके बाद ही कुछ कह पाऊंगी।

Sanjay Saxena

BSc. बायोलॉजी और समाजशास्त्र से एमए, 1985 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय , मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के दैनिक अखबारों में रिपोर्टर और संपादक के रूप में कार्य कर रहे हैं। आरटीआई, पर्यावरण, आर्थिक सामाजिक, स्वास्थ्य, योग, जैसे विषयों पर लेखन। राजनीतिक समाचार और राजनीतिक विश्लेषण , समीक्षा, चुनाव विश्लेषण, पॉलिटिकल कंसल्टेंसी में विशेषज्ञता। समाज सेवा में रुचि। लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को समाचार के रूप प्रस्तुत करना। वर्तमान में डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से जुड़े। राजनीतिक सूचनाओं में रुचि और संदर्भ रखने के सतत प्रयास।

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