MP: टीकमगढ़ शासकीय अस्पताल में इलाज के अभाव में मरीज की मौत, डॉक्टर ने परिजनों पर झूठे आरोप लगाकर पुलिस को एफआईआर करने को कहा…
घंटों इंतजार के बाद भी नही नदारद थे डॉक्टर, उपचार नही मिलने से गई जान, स्टिंग वीडियो में डाक्टर्स व सीएमएचओ का सामने आया काला सच
टीकमगढ़। जिले के एक अस्पताल में शर्मनाक मामला सामने आया है जिसमे मध्यप्रदेश सरकार की फजीहत हो रही है। लेकिन स्वास्थ्य विभाग अपनी गलती मान नही आ रहा। जबकि मीडिया द्वारा स्टिंग ऑपरेशन करके वीडियो बनाया गया जिसमें लिधौरा अस्पताल के डॉक्टर्स, स्टाफ सहित टीकमगढ़ सीएमएचओ का काला सच निकलकर बाहर आया है।स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही की बजह से इलाज के अभाव में अस्पताल में तड़पते हुए एक ब्यक्ति की मौत हो गई। लेकिन अस्पताल के डॉक्टर व स्टाफ का दिल नही पसीजा। हद तो तब हो गई जब खुद की लापरवाही छुपाने के उद्देश्य से अस्पताल के डाक्टर्स और स्टाफ द्वारा मृतक मरीज के परिजनों पर झूठा आरोप लगाकर पुलिस कार्यवाही कराने का भरसक प्रयास किया गया। बो तो गनीमत ये रही कि पुलिस अधीक्षक एबं स्थानीय पुलिस थाना प्रभारी की भलमानसता की बजह से मरीज के परिजनों के विरुद्ध एफआईआर नही की गई।
यह शर्मनाक घटना है टीकमगढ़ जिले के लिधौरा नगर की। लिधौरा नगर के वार्ड क्रमांक 4 में निवास करने वाले 58 वर्षीय पंचम जोशी को अचानक तवियत खराब होने की बजह से जब लिधौरा स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया तो स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर मौजूद नही थे। सिर्फ एक नर्स व कम्पाउंडर मौजूद थे। जिसकी बजह से समय पर इलाज व ऑक्सीजन नहीं मिलने की बजह से पंचम जोशी की अस्पताल के फर्श पर लेटे लेटे ही तड़पते हुए मौत हो गई। परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर इलाज समय पर न देने व लापरवाही के आरोप लगाए हैं। जब लिधौरा अस्पताल के फर्श पर डले हुए मरीज की इलाज के अभाव में मौत हुई और मृतक के परिजनों ने उक्त मामले को मोबाइल के कैमरे में कैद करना शुरू किया तो अस्पताल में मौजूद नर्स व कम्पाउंडर अस्पताल से भाग गए। और पुलिस को अस्पताल में तोड़फोड़ व हंगामा की सूचना दी। जिस पर लिधौरा थाना प्रभारी तत्काल मौके पर पहुंचे, जहाँ उन्हें मृतक के परिजन रोते बिलखते मिले।
मृतक के पुत्र दिलीप जोशी और राकेश जोशी ने बताया कि पिता पंचम जोशी 58 वर्ष का शाम को पेट दर्द हुआ था। उनका उपचार कराने के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लिधौरा लाए। जहां डॉक्टर कि जगह नर्स तैनात थी। शाम साढ़े 7 बजे पेट दर्द अधिक होने लगा और ऑक्सीजन की जरूरत पढ़ने लगी। परिजनों ने नर्स से ऑक्सीजन देनें की बिनती की, लेकिन उन्होंने ऑक्सीजन नहीं दी। रात साढ़े 8 बजे पंचम की मौत हो गई। लिधौरा अस्पताल के डॉक्टर व स्टॉफ का कहना था कि मरीज पंचम की मौत अस्पताल आने से दो घंटे पहले ही हो चुकी हैं। साथ ही मरीज के परिजनों ने अस्पताल में तोड़फोड़, अभद्रता, मारपीट की और अस्पताल का रिकॉर्ड चुरा लिया। जबकि इसके उलट मरीज के परिजनों ने सबूत के तौर पर मीडिया को वीडियो उपलब्ध कराए जिसमे बाकायदा मरीज पंचम को अस्पताल में ही फर्श पर सांस लेने में परेशान होते जिंदा वीडियो में दिखाया है। साथ ही समस्त अस्पताल का वीडियो भी मीडिया को दिया जिसमें अस्पताल में तोड़फोड़ के कही भी निशान नही है। उक्त मामले मे टीकमगढ़ सीएमएचओ शोभाराम रोशन ने अपनी वाइट में डॉक्टर्स व स्टाफ का बचाव करते हुए मरीज के परिजनों को ही दोषी ठहराया है। जिससे मरीज के परिजनों को न्याय मिलते नही दिख रहा।