MP : पूर्व मुख्य सचिव एंथोनी डिसा को कॉमनवेल्थ शॉर्ट स्टोरी प्राइज़ 2025 के लिए शॉर्टलिस्ट किया गया

भोपाल। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव और चर्चित लेखक एंथोनी डिसा ने एक बार फिर अपनी उपलब्धियों की फेहरिस्त में एक और प्रतिष्ठित सम्मान जोड़ लिया है। *‘टीनो डिसा’* के नाम से लेखन करने वाले श्री डिसा की कहानी *Tamarind (‘इमली’)* को *कॉमनवेल्थ शॉर्ट स्टोरी प्राइज़ 2025* के लिए *शॉर्टलिस्ट* किया गया है। यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्राप्त मान्यता उनकी प्रशासनिक सेवा और साहित्यिक लेखन—दोनों में उनकी गहराई और सृजनात्मकता को दर्शाती है।

54 देशों से आई 8,000 से अधिक प्रविष्टियों में से चुनी गईं 25 श्रेष्ठ कहानियों में ‘इमली’ को स्थान मिला है, जिसे पांच अंतरराष्ट्रीय निर्णायकों की एक समिति* ने चयनित किया। *लंदन में 15 अप्रैल* को शॉर्टलिस्ट की घोषणा की गई, जबकि *विजेता का नाम जून में* घोषित किया जाएगा। कॉमनवेल्थ शॉर्ट स्टोरी प्राइज़ को प्रायः *‘शॉर्ट स्टोरी का बुकर पुरस्कार’* कहा जाता है और यह अंग्रेज़ी साहित्य की सबसे प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में से एक है। केवल शॉर्टलिस्ट में शामिल होना भी स्वयं में एक वैश्विक सम्मान माना जाता है।

‘इमली’ कहानी मध्यप्रदेश के एक काल्पनिक ग्रामीण क्षेत्र में आधारित है और श्री डिसा की अधिकांश रचनाओं की तरह इसमें भी अंत में एक गहरा मोड़ है। यह कहानी उनकी कथा-कौशल के साथ-साथ भारतीय ग्रामीण और सांस्कृतिक जीवन की गहरी समझ को भी उजागर करती है।
एक *वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी* (IAS) के रूप में श्री एंथनी डिसा ने राज्य और केंद्र स्तर पर कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया, और अपने प्रशासनिक जीवन के अंत में मध्यप्रदेश के मुख्य सचिव पद से सेवानिवृत्त हुए। सेवानिवृत्ति के बाद उन्होंने अपनी रचनात्मक ऊर्जा और सामाजिक संवेदना को साहित्यिक अभिव्यक्ति में रूपांतरित किया, जो उनके कहानी लेखन और कविता* में स्पष्ट रूप से परिलक्षित होती है।

अब तक उनकी तीन पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं—दो कहानी संग्रह: ‘The Disrobing of Draupadi’ और ‘One For Sorrow, Two For Joy’, और एक बच्चों के लिए रहस्य कथा ‘The Curious Case of the Nandikote Nawab’, जिसे *कतिपय CBSE स्कूलों ने अपनी पठन सूची में शामिल* किया है। उनकी रचनाओं में सामाजिक यथार्थ, भावनात्मक गहराई और कथानक की रोचकता का सुंदर संयोजन देखने को मिलता है।

श्री डिसा को 2017 और 2019 में टाइम्स ऑफ इंडिया राष्ट्रीय लघुकथा प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार* प्राप्त हो चुका है। वे दो कहानियाँ भी मध्य प्रदेश में आधारित हैं – एक पंचमढ़ी में और एक प्राचीन काल के उज्जैन में।उनके काव्य-संग्रहों को भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सराहना मिली है और हाल ही में *लंदन से प्रकाशित एक प्रतिष्ठित साहित्यिक पत्रिका में उनकी दो कविताएं प्रकाशित हुई हैं।
वर्तमान में वे अपनी अगली *लघुकथा संग्रह* पर कार्य कर रहे हैं, जिसमें वे भारतीय जीवन के विविध पक्षों को अपनी साहित्यिक दृष्टि से उजागर कर रहे हैं।
एक समर्पित प्रशासनिक अधिकारी से लेकर एक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त लेखक बनने की उनकी यात्रा इस बात का प्रेरणादायक उदाहरण है कि किस प्रकार बौद्धिक चेतना और रचनात्मकता सेवा-निवृत्त जीवन में भी नई ऊंचाइयों तक पहुंच सकती है।

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Sanjay Saxena

BSc. बायोलॉजी और समाजशास्त्र से एमए, 1985 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय , मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के दैनिक अखबारों में रिपोर्टर और संपादक के रूप में कार्य कर रहे हैं। आरटीआई, पर्यावरण, आर्थिक सामाजिक, स्वास्थ्य, योग, जैसे विषयों पर लेखन। राजनीतिक समाचार और राजनीतिक विश्लेषण , समीक्षा, चुनाव विश्लेषण, पॉलिटिकल कंसल्टेंसी में विशेषज्ञता। समाज सेवा में रुचि। लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को समाचार के रूप प्रस्तुत करना। वर्तमान में डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से जुड़े। राजनीतिक सूचनाओं में रुचि और संदर्भ रखने के सतत प्रयास।

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