MP : 21 करोड़ की तेंदुए की खाल..! उज्जैन के होटल में हो रहा था गुप्त सौदा, फर्जी ग्राहक बन कर अफसरों ने दबोचा

उज्जैन। डायरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (DRI) की नागपुर यूनिट और उज्जैन वन विभाग की संयुक्त कार्रवाई में दो तस्करों को रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया है. ये कार्रवाई उज्जैन के एक होटल में गुप्त रूप से अंजाम दी गई. यहां आरोपी कथित रूप से तेंदुए की खाल और जंगली सूअर के दांत की सौदेबाजी कर रहे थे।
सोशल मीडिया से मिला सुराग
इस ऑपरेशन की शुरुआत एक व्हाट्सएप ग्रुप से हुई, जहां दो संदिग्धों ने तेंदुए की खालें बेचने का विज्ञापन डाला था. जैसे ही यह सूचना डीआरआई की नागपुर यूनिट को मिली, टीम ने उज्जैन पहुंचकर ग्राहक बनकर सौदे की योजना बनाई. नागपुर यूनिट ने उज्जैन वन विभाग को भी साथ जोड़ा और फिर मिलकर होटल में इन तस्करों से संपर्क किया. बातचीत के दौरान जैसे ही सौदे की पुष्टि हुई तो दोनों एजेंसियों ने मौके पर दबिश देकर आरोपियों को धर दबोचा।
दो तेंदुए की खाल बरामद हुई
इस कार्रवाई के दौरान आरोपियों के पास से दो तेंदुए की खालें (जिसमें सिर भी जुड़े हुए थे) और एक जंगली सूअर का दांत बरामद किया गया. बरामद वस्तुएं वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के तहत पूरी तरह से प्रतिबंधित हैं और इनकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारी मांग और कीमत है. प्रारंभिक आकलन के अनुसार, इन ट्रॉफियों की संभावित कीमत करीब 21 करोड़ रुपये तक हो सकती है, हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि अभी नहीं की गई है.

राजा ने दान में दी थीं ये ट्रॉफियां
गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में एक आरोपी ने चौंकाने वाला दावा किया. उसके मुताबिक यह ट्रॉफियां वर्ष 1970 के आसपास उनके पूर्वजों को एक स्थानीय राजा द्वारा दान में दी गई थीं. हालांकि, जब उनसे इस दावे से संबंधित कोई दस्तावेज मांगा गया तो वे कोई साक्ष्य नहीं दे सके. इस आधार पर इनकी बात को सिरे से खारिज नहीं किया गया है, लेकिन मामले की गंभीरता को देखते हुए विस्तृत जांच जारी है.
कोर्ट से रिमांड पर लिए गए आरोपी
वन विभाग के एसडीओ कैलाश भधकरे ने जानकारी दी कि 4 मई को मिली गुप्त सूचना के आधार पर यह कार्रवाई की गई थी. दोनों आरोपियों को कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया गया है. उनके मोबाइल, व्हाट्सएप चैट्स और अन्य डिजिटल माध्यमों की जांच की जा रही है, जिससे इस नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों तक भी पहुंचा जा सके।