भाजपा नेता रूपाला के बयान का एमपी में असरः राजपूत समाज ने जताई नाराजगी

भोपाल। मप्र में 2018 विधानसभा चुनाव के दौरान तत्कालीन सीएम शिवराज ने आरक्षण को लेकर एक बयान दिया था। कहा था- कोई माई का लाल आरक्षण खत्म नहीं कर सकता। इसका नतीजा ये हुआ कि सामान्य वर्ग ने नाराज होकर बीजेपी के खिलाफ वोट दिया।

ग्वालियर-चंबल में बीजेपी को इसका नुकसान उठाना पड़ा। चुनाव के दौरान नेताओं के ऐसे बयान अक्सर राजनीतिक दलों के लिए मुसीबत बनते हैं। इस बार भी ऐसा ही हुआ है।
गुजरात के राजकोट से लोकसभा चुनाव लड़ रहे पुरुषोत्तम रूपाला के राजपूत समाज को लेकर दिए एक बयान से समाज के लोग नाराज है। इस बयान के बाद गुजरात में जगह-जगह प्रदर्शन हो रहे हैं। रूपाला की उम्मीदवारी वापस लेने की मांग की जा रही है।

राजपूत समाज की नाराजगी को दूर करने के लिए बीजेपी ने डैमेज कंट्रोल करने की कोशिश की है। लेकिन, गुजरात में शुरू हुआ आंदोलन सोशल मीडिया के जरिए पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश और राजस्थान में भी जोर पकड़ने लगा है।

Sanjay Saxena

BSc. बायोलॉजी और समाजशास्त्र से एमए, 1985 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय , मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के दैनिक अखबारों में रिपोर्टर और संपादक के रूप में कार्य कर रहे हैं। आरटीआई, पर्यावरण, आर्थिक सामाजिक, स्वास्थ्य, योग, जैसे विषयों पर लेखन। राजनीतिक समाचार और राजनीतिक विश्लेषण , समीक्षा, चुनाव विश्लेषण, पॉलिटिकल कंसल्टेंसी में विशेषज्ञता। समाज सेवा में रुचि। लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को समाचार के रूप प्रस्तुत करना। वर्तमान में डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से जुड़े। राजनीतिक सूचनाओं में रुचि और संदर्भ रखने के सतत प्रयास।

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