जौनपुर: उत्तर प्रदेश के जौनपुर में स्थित वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के 29वें दीक्षांत समारोह में राज्यपाल आनंदी बेन पटेल को असहज स्थिति का सामना करना पड़ा। वह छात्रों को गोल्ड मेडल दे रही थीं, तभी अचानक बत्ती गुल हो गई। इस दुर्व्यवस्था से राज्यपाल इतनी आहत हो गईं कि उन्होंने लाइट आने की भी प्रतीक्षा नहीं की, बल्कि अंधेरे में ही मेडल बांटने लगीं। उनको ऐसा करते देख कुछ लोगों ने मोबाइल फोन की फ्लैश लाइट ऑन कर दी। इससे कुछ रोशनी हो गई। इसके बाद जब संबोधन की बारी आई तो उन्होंने विश्विद्यालय को खूब लताड़ लगाई।
सोमवार को वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय का 29वां दीक्षांत समारोह आयोजित था। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल यहां छात्रों को गोल्ड मेडल देने पहुंचीं थीं। अभी वह छात्रों को मेडल दे ही रहीं थीं कि पूरा संगोष्ठी भवन अंधेरे में डूब गया। परिसर में अंधेरा होते ही सभी के हाथ-पांव फूल गए। राज्यपाल की भी भौंहें तन गईं। कुछ क्षण बाद ही राज्यपाल ने अंधेरे में ही मेडल बांटने शुरू कर दिए। उनकी नाराजगी देख वहां मौजूद कई लोगों ने मोबाल की फ्लैश लाइट ऑन कर दी। इसके बाद राजपाल ने अंधेरे में ही कुछ छात्रों को मेडल बांटे गए। थोड़ी देर बाद जब बिजली आपूर्ति बहाल हुई तो लोगों ने राहत की सांस ली।
दीक्षांत समारोह में राज्यपाल पहुंचीं तो विश्वविद्यालय की कार्य प्रगति से काफी नाराज दिखीं। उस पर मेडल देते समय बिजली चली जाना आग में घी डालने का काम किया। जब वे संबोधन के लिए पहुंचीं तो उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन को आड़े हाथों लिया। असंतोष जताते हुए कहा कि विश्वविद्यालय में सिर्फ योजनाएं बनती हैं, उन्हें पूरा नहीं किया जाता। भवन निर्माण के लिए करोड़ों रुपये विश्वविद्यालय को दिए गए, लेकिन कई भवन बरसों से अधूरे पड़े हैं। 2018 से इसकी जांच भी चल रही है, लेकिन न तो निर्माण पूरा हुआ और न ही जांच।