भोपाल। आज एक पत्रकार वार्ता में शहर में यूनियन कार्बाइड हादसे के पीड़ितों के चार संगठनों के नेताओं ने भोपाल त्रासदी विभाग के उप सचिव पर राज्य उच्च न्यायालय के समक्ष गलत बयान पेश करने का आरोप लगाया। उनके अनुसार, अधिकारी केके दुबे ने अपने हलफनामे में पीथमपुर में यूनियन कार्बाइड के खतरनाक कचरे के हाल ही में किए गए भस्मीकरण परीक्षण के दौरान जहरीले रसायनों के निकलने की महत्वपूर्ण जानकारी को छुपा लिया।
भोपाल गैस पीड़ित महिला स्टेशनरी कर्मचारी संघ की बानो बी ने कहा, “यूनियन कार्बाइड के खतरनाक कचरे के भस्मीकरण को जारी रखने के लिए मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की हरी झंडी झूठ के बल पर प्राप्त की गई थी। परीक्षण भस्मीकरण पर 300-पृष्ठ की रिपोर्ट पर विशेषज्ञ की राय से यह स्पष्ट होता है कि परीक्षण के दौरान 5 से 20 किलोग्राम पारे के रिसाव की जानकारी उच्च न्यायालय से छुपाई गयी थी। जैसा कि हम जानते हैं कि पारा मस्तिष्क को गम्भीर नुकसान पहुँचाता है और यह इतना जहरीला होता है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार पारा कम से कम मात्रा में भी ज़हरीला होता है।”
भोपाल ग्रुप फॉर इन्फॉर्मेशन एंड एक्शन की रचना ढींगरा के अनुसार, “आईआईटी हैदराबाद के प्रोफेसर आसिफ कुरैशी ने 300-पृष्ठ की रिपोर्ट में दी गई जानकारी के आधार पर यह पाया कि 10 टन खतरनाक कचरे के दहन से 1.53 से 6.88 किलोग्राम पारे का उत्सर्जन हुआ। यह चौंकाने वाला है कि श्री दुबे ने उच्च न्यायालय में प्रस्तुत हलफनामे में यह जानकारी शामिल नहीं की है।”
भोपाल गैस पीड़ित निराश्रित पेंशनभोगी संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष बालकृष्ण नामदेव ने कहा, “जैसा कि प्रोफेसर कुरैशी ने बताया है, यूनियन कार्बाइड के 300 टन खतरनाक कचरे के भस्मीकरण के कारण 40 से 200 किलोग्राम से अधिक पारा निकलेगा। खबरों के मुताबिक़ यह भयावह जहरीली हादसा कल से पीथमपुर में शुरू हो चुकी है।”
भोपाल गैस पीड़ित महिला पुरुष संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष नवाब खान ने कहा, “हमने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री को पत्र लिखकर पीथमपुर में कल से जारी हादसे को रोकने की मांग की है। इस हादसे को रोकने के लिए यूनियन कार्बाइड के मालिक डाउ केमिकल को मजबूर करना होगा कि वह खतरनाक कचरे को सुरक्षित निपटान के लिए अमेरिका ले जाए, जैसा कि 2003 में तमिलनाडु के कोडईकनाल से पारे के कचरे के लिए किया गया था। हमें अभी तक पता नहीं है कि मंत्री वास्तव में कोई कदम उठाएंगे या नहीं, लेकिन उम्मीद है कि उच्च न्यायालय को यह समझ आएगा कि श्री दुबे ने किस तरह से धोखे से पीथमपुर में यूनियन कार्बाइड के खतरनाक कचरे को भस्मीकरण की अनुमति उनसे ले लिया है।”
Gas tragedy bhopal: गैस त्रासदी विभाग के उप सचिव पर कोर्ट में गलत बयान पेश करने का आरोप
