AJJAKS: मंत्रालय अधिकारी कर्मचारी संघ की CM से रोक की मांग, अजाक्स ने कहा-संगठन कमजोर करने की चाल

भोपाल। अजाक्स संगठन में हाल ही में हुई शासन में सेवारत तीन वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों की नियुक्तियों को लेकर विरोध शुरू हो गया है।एमपी पुलिस भर्ती
मंत्रालय अधिकारी कर्मचारी संघ व लिपिक वर्गीय शासकीय कर्मचारी संघ ने इस नियुक्ति पर खुलकर आपत्ति दर्ज कराई है और इसे रोकने के लिए मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव से भी मांग की है। इस पर अजाक्स संगठन की ओर से एक बड़ा बयान यामने आया है, उन्होंने दोनों संघों की आपत्ति को संगठन कमजोर करने की चाल बताया है।
दरअसल, अजाक्स संगठन के प्रांतीय अध्यक्ष जेएन कंसोटिया (JN Consotia) ने हाल ही शासन में सेवारत तीन आईएएस अधिकारियों को अजाक्स संगठन का दायित्व सौंपा हैं। जिसमें ऊर्जा विभाग के सचिव आईएएस विशेष गढ़पाले (IAS Vishesh Gadhpale) को कार्यकारी अध्यक्ष, रीवा संभाग आयुक्त आईएएस बीएस जामोद (IAS BS Jamod) और कृषि विभाग के उप सचिव आईएएस संतोष वर्मा (IAS Santosh Verma) को उपाध्यक्ष नियुक्त किया हैं।
IAS अधिकारी से नियुक्तियां वापस करने का आग्रह
मंत्रालय सेवा अधिकारी कर्मचारी संघ और लिपिक वर्गीय शासकीय कर्मचारी संघ की ओर से मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव से मांग की गई है कि अजाक्स संगठन में सेवारत आईएएस अधिकारियों के पद लेने से पहले तत्काल प्रभाव से रोक लगाई जाए। जिन आईएएस अधिकारियों को पदाधिकारी बनाया गया है, उनसे भी अपील है कि वे इन नियुक्तियों को अस्वीकार कर सभी वर्गों के प्रति समान व्यवहार करने की अपनी संवैधानिक प्रतिबद्धता का परिचय दें।
पदोन्नति में आरक्षित वर्ग पर IAS का ज्यादा झुकाव
मंत्रालय सेवा अधिकारी कर्मचारी संघ अध्यक्ष और लिपिक वर्गीय शासकीय कर्मचारी संघ संरक्षक सुधीर नायक नए पदोन्नति नियम 2025 में आरक्षित वर्गों के आईएएस का ज्यादा झुकाव नजर आता है। आईएएस अधिकारियों के पदाधिकारी बनने से कई बार असहज स्थितियां निर्मित होतीं हैं। आरक्षित वर्ग के आईएएस अधिकारियों को आरक्षित वर्ग की बात करना है, तो वे आईएएस एसोसिएशन की बैठकों में करें।
नई जिम्मेदारी से अधिकारियों की निष्पक्षता पर सवाल
मंत्रालय सेवा अधिकारी कर्मचारी संघ संरक्षक व लिपिक वर्गीय शासकीय कर्मचारी संघ प्रदेश अध्यक्ष सुधीर नायक ने बताया कि हो सकता है अजाक्स संगठन के बायलाज में, ऐसी नियुक्तियों का प्रावधान हो और यह भी संभव है कि अजाक्स संगठन में पद लेकर भी अधिकारी अपने सरकारी दायित्व में निष्पक्ष रहें, लेकिन इन नियुक्तियों से जनमानस में उन अधिकारियों की निष्पक्षता और सभी वर्गों के साथ समान न्यायपूर्ण व्यवहार न होने के संदेह पैदा करती हैं।
कुछ समय ही पूर्व मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक सरकारी मीटिंग आयोजित की गई। जिसमें अजाक्स के प्रांतीय अध्यक्ष जेएन कंसोटिया विभाग प्रमुख के रूप में शामिल हुए थे, लेकिन वे बैठक में अजाक्स के प्रांताध्यक्ष के रूप में बोलने लगे थे। यह आईएएस अधिकारियों के प्रोटोकॉल के विपरीत था और मुख्य सचिव महोदय को उन्हें टोकना पड़ा था।






