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Adani मामले में सेबी ने डीआरआई के अलर्ट को छिपाया था, कोर्ट में हलफनामा दायर…

मुंबई। अडानी ग्रुप-हिंडनबर्ग रिसर्च मामले (Adani Group-Hindenburg Case) में एक नया दावा किया गया है। इस मामले मे एक याचिकाकर्ता ने कोर्ट को दिए एक हलफनामे में आरोप लगाया है कि सेबी (SEBI) ने साल 2014 में अडानी ग्रुप के खिलाफ डायरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलीजेंस (DRI) के एक अलर्ट को छिपाया था। यह अलर्ट अडानी ग्रुप की कंपनियों के संभावित फंड डाइवर्जन और स्टॉक मार्केट में छेड़छाड़ के बारे में था। इसमें कहा गया है कि सेबी ने सुप्रीम कोर्ट को सौंपी अपने स्टेटस रिपोर्ट में इस अलर्ट का जिक्र नहीं किया है। अमेरिका की शॉर्ट सेलिंग फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडानी ग्रुप के बारे में 24 जनवरी को एक रिपोर्ट जारी की थी। इसमें अडानी ग्रुप पर शेयरों की कीमत में छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया गया था। हालांकि अडानी ग्रुप ने इन आरोपों को खारिज किया है।

सुप्रीम कोर्ट ने सेबी से इस मामले की जांच करने को कहा था। सेबी ने 25 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट सौंपी थी। मार्केट रेगुलेटर ने कहा कि उसने इस बात की जांच पूरी कर ली है कि अडानी ग्रुप की कंपनियों ने सिक्योरिटीज कानूनों का उल्लंघन किया है या नहीं। याचिकाकर्ता अनामिका जायसवाल ने आठ सितंबर को अपने हलफनामे में कहा कि सेबी ने अडानी ग्रुप के बारे में डीआरआई के एक अलर्ट को छिपाया था। जनवरी 2014 में डीआरआई ने एक अलर्ट में आशंका जताई थी कि अडानी ने पैसों का गबन किया और इन्हें दुबई और मॉरीशस के रास्ते अडानी ग्रुप की लिस्टेड कंपनियों में निवेश किया गया।

क्या है आरोप

हलफनामे में कहा गया है कि डीआरआई ने तत्कालीन सेबी चीफ यूके सिन्हा को 31 जनवरी, 2014 को एक चिट्ठी भेजी थी। इसमें आशंका जताई जा गई थी कि अडानी ग्रुप की कंपनियां गबन किए गए पैसों से शेयर मार्केट में छेड़छाड़ कर रही है। इनका काम करने का तरीका यह है कि पावर इक्विपमेंट के इम्पोर्ट की कीमत बढ़ाचढ़ाकर दिखाई जा रही है। याचिकाकर्ता ने सेबी की एक जांच का भी हवाला दिया है। सेबी ने अडानी ग्रुप के खिलाफ यह जांच एक अप्रैल, 2016 से 30 सितंबर, 2020 के बीच की थी।

सेबी ने 15 मई, 2023 में एक कोर्ट फाइलिंग में इसका खंडन किया था। एक याचिकाकर्ता ने ने कहा था कि सेबी 2016 से ही अडानी ग्रुप की कंपनियों की जांच कर रहा है। यह मामला भारत में लिस्टेड कुछ कंपनियों के ग्लोबल डिपॉजिटरी रिसीट्स जारी करने से जुड़ा था। इस बारे में सेबी ने कोर्ट में जवाब दिया था। सेबी ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा जस्टिस एएम सप्रे की अध्यक्षता में गठित कमेटी से कहा था कि अडानी ग्रुप के खिलाफ उसकी जांच 23 अक्टूबर, 2023 को शुरू हुई। उसे इस बारे में जून-जुलाई, 2020 को शिकायत मिली थी।

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