MP : आखिर इंदौर का प्रभारी मंत्री कौन…? अधिकारी क्यों चमकाते थे कैलाश विजयवर्गीय को..?

भोपाल। वाकया इंदौर का है। नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय का मुख्यमंत्री मोहन यादव से संवाद सुनिए- अच्छा हुआ..आपने बता दिया कि आपके पास इंदौर का प्रभार नहीं है। गजट नोटिफिकेशन में लिखा है कि आप इंदौर के प्रभारी हैं, इसलिए आपके नाम से अधिकारी हमें चमकाते थे।

मंत्री कैलाश विजयवर्गीय से मुख्यमंत्री की बातचीत का एक वीडियो भी सामने आया है। सीएम इंदौर में रविवार को ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में बैठक ले रहे थे। बताया जा रहा है कि मंत्री की बात का सीएम ने जवाब में देते हुए कहा है कि जिसको जो देना था वह दे दिया। अब जो बच गया वह मेरे पास है।
दरअसल, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव हाल ही में भोपाल के कुशभाऊ कान्वेंशन सेंटर में कहा था कि वे इंदौर के प्रभारी मंत्री नहीं हैं। मुख्यमंत्री प्रदेश में जिलों के कार्य का विभाजन मंत्रियों के बीच करता है। एक जिला इंदौर खाली है। मैं वहां का प्रभारी मंत्री नहीं हूं। काम का बंटवारा कर दिया। इंदौर छोड़ दिया।
हम तो हमेशा मुख्यमंत्री को ही प्रभारी मानते आए हैँ
इंदौर में बैठक के दौरान विजयवर्गीय ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को लेकर हंसते हुए टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि इंदौर में अधिकारी अक्सर प्रभारी मंत्री का नाम लेकर हमें चमकाते थे और हम तो हमेशा मुख्यमंत्री को ही इंदौर का प्रभारी मंत्री मानते आए हैं।

आखिर इंदौर का प्रभारी कौन?

डॉ मोहन यादव के मुख्यमंत्री बनने के बाद जब जिलों का बंटवारा हुआ, तब ये कहा गया था कि इंदौर सीएम ने आपने पास रखा है। बताया जा रहा है कि गजट में भी सीएम का ही नाम लिखा है। अब जब cm कह रहे हैँ कि वो प्रभारी नहीं हैँ, तो सवाल उठता है कि इंदौर का प्रभारी मंत्री है कौन..? और, इतने बड़े मंत्री कैलाश विजयवर्गीय को अधिकारी किसकी शह पर चमकाते रहे?

कैलाश विजयर्गीय ने सीएम को दी पर्चियां
बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने प्रेस काॅन्फ्रेंस की। इस दौरान रोचक बात देखने को मिली। मंच पर सीएम के साथ मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, सांसद शंकर लालवानी, मंत्री तुलसीराम सिलावट और महापौर पुष्यमित्र भार्गव बैठे थे।

काॅन्फ्रेंस के दौरान मंत्री विजयवर्गीय ने पहले अपनी जेब में पेन देखा, लेकिन पेन नहीं मिला। फिर उन्होंने पास में बैठे सांसद से पेन लिया और कागज पर पर्ची लिखकर सीएम को दी। ऐसा उन्होंने चार-पांच बार किया और हर बार सीएम को पर्ची दी।

कहा था- शिवम वर्मा हां करते हैं लेकिन काम नहीं
अधिकारियों को लेकर मंत्री कैलाश विजयवर्गीय की टिप्पणी पहली बार नहीं है। वे एक बार सार्वजनिक मंच से कलेक्टर शिवम वर्मा को लेकर भी तंज कस चुके हैं। उन्होंने कहा कि शिवम वर्मा फोन पर सिर्फ ‘हां’ कहते हैं, लेकिन काम नहीं करते हैं। मंत्री ने जब यह कहा था तब वर्मा निगम आयुक्त थे। यही नहीं, तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल में भी उन्होंने 2008 में मेरिएट होटल में आयोजित कार्यक्रम में कहा था शिवराज जी, मेरे हाथ मुझे लौटा दीजिए।

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