Sansad : चुनाव सुधार पर राहुल गांधी ने ऐसा क्या कहा कि मच गया हंगामा, LS में क्यों भड़का सत्ता पक्ष?

नई दिल्ली। शीतकालीन सत्र के सातवें दिन लोकसभा में चुनाव सुधारों पर जोरदार चर्चा चल रही है। विपक्ष के नेता राहुल गांधी इस डिबेट में बोल रहे थे। उन्होंने अपने भाषण की शुरुआत कपड़ों और खादी से की। इस दौरान उन्होंने कहा कि आरएसएस सभी संस्थाओं पर कब्जा करना चाहता है। नाथूराम गोडसे ने महात्मा गांधी को मारा। आज देश के सारे विश्वविद्यालयों के कुलपति आरएसएस के हैं। ये बातें जैसे ही राहुल गांधी ने कही, सत्ता पक्ष के सदस्यों में भारी हंगामा मच गया। सांसद कुर्सियां पीटने लगे, नारे लगाने लगे और विरोध जताने लगे।

इसके बाद स्पीकर ओम बिरला ने राहुल गांधी से कहा कि आप चुनाव सुधार के विषय पर ही बोलिए, किसी संगठन का नाम न लें। स्पीकर के बाद संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू अपने सीट से खड़े हुए और राहुल गांधी के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि हम सब नेता प्रतिपक्ष को सुनने के लिए ही बैठे हैं। अगर वो विषय पर ही नहीं बोलेंगे तो सबका समय क्यों बर्बाद कर रहे हैं? इसके बाद सदन में काफी देर तक हंगामा चलता रहा और कुछ देर के लिए चर्चा प्रभावित हुई।

वहीं, सत्ता पक्ष के हंगामे पर राहुल गांधी ने कहा कि मैंने कुछ भी गलत नहीं कहा है। शिक्षण संस्थानों पर कब्जा कर लिया गया है। कुलपतियों (VC) की नियुक्तियां योग्यता के आधार पर नहीं, बल्कि एक खास संगठन से जुड़ाव के आधार पर की जा रही हैं। सीबीआई, ईडी पर भी उसी संगठन से जुड़े लोगों ने कब्जा जमा लिया है। तीसरी सबसे महत्वपूर्ण संस्था यानी चुनाव आयोग पर भी उसी संगठन का कब्जा है, जो पूरे देश के चुनाव को नियंत्रित करती है। मेरे पास इसके पुख्ता सबूत हैं। बीजेपी लोकतंत्र को नुकसान पहुंचाने के लिए चुनाव आयोग का इस्तेमाल कर रही है।

आगे उन्होंने कहा कि चुनाव सुधार बेहद जरूरी है। मशीन-रीडेबल वोटर लिस्ट सभी राजनीतिक दलों को चुनाव से कम से कम एक महीना पहले दी जानी चाहिए। सीसीटीवी फुटेज को नष्ट करने का मौजूदा नियम भी बदलना चाहिए। वोट की चोरी देश-विरोधी काम है। हम दुनिया का सबसे बड़ा और महान लोकतंत्र हैं। लेकिन सरकार चुनाव सुधार नहीं चाहती। इसके बाद राहुल गांधी ने कहा कि हरियाणा की वोटर लिस्ट में एक ब्राजीलियन महिला की फोटो 22-22 बार छपी हुई है.राहुल गांधी के इस बयान पर स्पीकर ओम बिरला ने उन्हें टोकते हुए कहा कि आप नेता प्रतिपक्ष हैं, गरिमा के साथ बोलेंगे तो अच्छा है, वरना सदन इस तरह नहीं चल सकता। अपने सदस्यों को भी गरिमा समझाइए। विरोध करने का तरीका होता है, लेकिन यह तरीका उचित है क्या?

इससे पहले राहुल गांधी ने कहा कि खादी सिर्फ एक कपड़ा नहीं है, यह भारत की आत्मा है। हर क्षेत्र की अपनी पहचान है। उन्होंने आगे कहा कि असमिया गमछा हो, कांचीपुरम साड़ी हो या कोई और पारंपरिक वस्त्र। हमारा देश भी एक फैब्रिक की तरह है। देश का पहनावा ही देश की झलक है। देश के सारे धागे एक जैसे हैं। हमारा देश 140-150 करोड़ लोगों का बना हुआ ये खूबसूरत फैब्रिक है, जिसमें हर धागा एक-समान है।

Sanjay Saxena

BSc. बायोलॉजी और समाजशास्त्र से एमए, 1985 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय , मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के दैनिक अखबारों में रिपोर्टर और संपादक के रूप में कार्य कर रहे हैं। आरटीआई, पर्यावरण, आर्थिक सामाजिक, स्वास्थ्य, योग, जैसे विषयों पर लेखन। राजनीतिक समाचार और राजनीतिक विश्लेषण , समीक्षा, चुनाव विश्लेषण, पॉलिटिकल कंसल्टेंसी में विशेषज्ञता। समाज सेवा में रुचि। लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को समाचार के रूप प्रस्तुत करना। वर्तमान में डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से जुड़े। राजनीतिक सूचनाओं में रुचि और संदर्भ रखने के सतत प्रयास।

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