Vande matram : प्रियंका गाँधी ने संसद में दिया दमदार भाषण…

नई दिल्ली। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने सोमवार को लोकसभा में कहा कि राष्ट्रीय गीत पर चर्चा की जरूरत नहीं होनी चाहिए, क्योंकि यह देश के कण-कण में बसा है तथा देश की भावना से जुड़ा है. केरल के वायनाड से लोकसभा सदस्य ने यह दावा भी किया कि सत्तापक्ष ने वंदे मातरम् पर चर्चा करवाई ताकि ज्वलंत मुद्दों से ध्यान भटकाया जा सके. प्रियंका गांधी ने कहा, ‘‘हमारा राष्ट्र गीत उस भावना का प्रतीक है, जिसने गुलामी में सोए हुए भारत को जगाया.”
संसद के शीतकालीन सत्र में सोमवार को वंदे मातरम के 150 साल पूरा होने पर चर्चा हुई। चर्चा की शुरुआत पीएम मोदी ने की। चर्चा में कांग्रेस सांसद और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने हिस्सा लिया। प्रियंका गांधी ने इस दौरान वंदे मातरम पर हो रही चर्चा को लेकर ही सवाल उठाया। अपने भाषण के दौरान कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि वह भाषण अच्छा देते हैं, लेकिन तथ्यों में कमजोर हैं। प्रियंका ने पीएम मोदी पीएम मोदी के 12 साल की तुलना अपने 12 महीने के संसद सदस्य के अनुभव से की।
आप 12 साल से… मैं मात्र 12 महीने से’
प्रियंका गांधी ने अपने भाषण में पंडित नेहरू का जिक्र करते हुए कहा कि वह देश के लिए जिए और देश की सेवा करते-करते दम तोड़ा। प्रियंका गांधी कहा कि अध्यक्ष महोदय मैं आपके माध्यम से इन्हें (सत्ता पक्ष के सदस्यों को) एक सलाह देना चाहती हूं। उन्होंने कहा कि कहा कि हमारे प्रधानमंत्री महोदय 12 साल से सदन में हैं, मैं मात्र 12 महीनों से हूं, फिर भी छोटी सी सलाह है। प्रियंका गांधी ने हाल ही में चुनाव के दौरान पीएम की तरफ से 99 बार अपमान की सूची का जिक्र किया।
उन्होंने अपने भाषण में कहा, मैं जनता की प्रतिनिधि हूं, कलाकार नहीं हूं। तथ्यों को तथ्य के रूप में सदन में रखना चाहती हूं। वंदे मातरम् की वर्षगांठ पर आयोजित कार्यक्रम में पीएम ने कहा 1896 में रबींद्रनाथ ने ये एक अधिवेशन में ये गीत गाया, ये अधिवेशन कांग्रेस का था। वंदे मातरम् की क्रोनॉलॉजी में बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय ने पहले दो अंतरे लिखे। 1882 में उपन्यास आनंदमठ प्रकाशित किया, इसमें चार अंतरे और जोड़े गए।
प्रियंका गांधी ने कहा, 1896 में रबींद्रनाथ टैगोर ने यह गीत गाया। 1905 में रबींद्रनाथ टैगोर ये गीत गाते हुए ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ लड़ाई में सड़कों पर उतरे। ये गीत मातृभूमि के लिए मर मिटने की भावना को जगाता है।
उन्होंने आगे कहा, 1930 के दशक में सांप्रदायिक की राजनीति उभरी तब ये गीत विवादित होने लगा। प्रियंका ने कहा कि 1937 में नेताजी सुभाष चंद्र बोस कोलकाता में कांग्रेस अधिवेशन का आयोजन कर रहे थे। 20 अक्तूबर के लेटर में उन्होंने सुनाया, लेकिन इससे पहले उन्होंने नेहरू को एक चिठ्ठी लिखी थी, इसका पीएम मोदी ने जिक्र नहीं किया।
प्रियंका गांधी ने कहा वंदे मातरम् के इस स्वरूप पर सवाल उठाना, जिसे संविधान सभा ने स्वीकार किया, वह उन महान विभूतियों का अपमान है।
कांग्रेस सांसद ने कहा कि पंडित जवाहरलाल नेहरू देश के लिए जिए और देश के लिए ही उन्होंने दम तोड़ा। जितने दिनों तक मोदी जी प्रधानमंत्री रहे, करीब उतने ही दिन नेहरू जेल में रहे। पंडित नेहरू ने देश की आजादी के लिए 12 साल जेल में बिताए। फिर 17 साल वो प्रधानमंत्री भी रहे।
उन्होंने कहा, पंडित नेहरू के अपमान के लिए आपके मन में जितनी चीजें उन सभी को जमा कर लीजिए, फिर अध्यक्ष महोदय की अनुमति से लंबी चर्चा कर लीजिए, लेकिन जनता ने हमें जिस काम के लिए यहां भेजा है, उस पर बात कीजिए, बेरोजगारी, गरीबी, प्रदूषण।
हम कितने भी चुनाव हारें, यहां लड़ते रहेंगे: प्रियंका
प्रियंका गांधी ने कहा, ‘हम जितने भी चुनाव हारें, हम यहां लड़ते रहेंगे, इस देश के लिए. गुरूदेव जी कहते हैं कि जो दो अंतरे गाए जाते थे कि उनका अर्थ इतना गहरा था कि उनको इससे अलग करने में कोई कठिनाई है, जो स्वतंत्रता संग्राम में गाया जाता था. राष्ट्रगीत और राष्ट्रगान के अंशो को चुनने में भूमिका टैगोर जी की थी. क्या सत्ता पक्ष के साथी इतने अहंकारी हो गए हैं कि गांधी सुभाष जी से बड़ा समझने लगे हैं. मोदी जी का कहना कि राष्ट्रगीत को विभाजनकारी सोच के कारण काटा गया ये उनका अपमान है, जितने देर इस देश के पीएम रहे हैं, लगभग उतने ही सालों के लिए नेहरू जी जेल में रहे हैं.’





