MP: कांग्रेस जिला अध्यक्षों की सूची पर मचा बवाल, कई जिलों में विरोध, इस्तीफों का दौर शुरु, पटवारी बोले – शीर्ष नेतृत्व एवं श्री राहुल गांधी की मंशा के अनुरूप हुई नियुक्तियां

भोपाल। मध्य प्रदेश में शनिवार को कांग्रेस जिला अध्यक्षों की सूची जारी हुई है। हालांकि इसमें ओबीसी, अनुसूचित जाति जनजाति के लोग भी हैँ, लेकिन जिस तरह से कई हाइ प्रोफाइल लोग अध्यक्ष बनाये गये हैँ, उससे दिग्गज नेता भी नाराज बताये जाते हैँ।

सूची आने के बाद से ही प्रदेश के कई जिलों में विरोध के सुर सुनाई देने लगे हैं। हालात ये हैं कि, राजधानी भोपाल से लेकर उज्जैन, बुरहानपुर के साथ साथ बाकी जिलों में कांग्रेसी नाराज नजर आने लगे हैं। कुछ जगह तो इस्तीफा देने तक का दौर शुरू हो गया है। नाराज कांग्रेसी खुलकर सोशल मीडिया पर नाराजगी व्यक्त कर रहे हैं।
सबसे पहले भोपाल जिला अध्यक्ष की नियुक्त की बात करें तो यहां जिला अध्यक्ष को रिपीट करने पर नाराजगी देखी जा रही है। यहां प्रवीण सक्सेना को दूसरी बार जिला अध्यक्ष घोषित किया गया है, जिससे पूर्व अध्यक्ष मोनू सक्सेना नाराज़ नजर आ रहे हैं। उन्होंने अपनी नाराजगी सोशल मीडिया पर खुलकर विरोध जताकर व्यक्त की है। सोशल मीडिया पर लिखा कि, ‘राहुल गांधी ने मांगा था संगठन सृजन, भोपाल में हुआ विसर्जन…।’ बता दें कि, मोनू सक्सेना ने भी जिला अध्यक्ष पद पर दावेदारी की थी।

सूची के जारी होने के बाद इस्तीफा देने का भी दौर शुरू हो गया है. जिला प्रवक्ता और राजीव गांधी पंचायत प्रकोष्ठ जिला अध्यक्ष हेमंत पाटिल ने इस्तीफा दे दिया है।

इन जिलों में अबतक सामने आया विरोध
उज्जैन ग्रामीण जिला अध्यक्ष महेश परमार को बनाए जाने का विरोध है। सतना जिला अध्यक्ष सिद्धार्थ कुशवाहा बनाए जाने का विरोध है। बुरहानपुर में जिला अध्यक्षों के ऐलान के बाद अरुण यादव समर्थकों की गुप्त बैठक की खबर सामने आई है। अल्पसंख्यक बाहुल्य जिलों में मुस्लिम शहर अध्यक्ष नहीं बनाने जाने का भी विरोध देखा जा रहा है। सोशल मीडिया पर कार्यकर्ताओं और पदाधिकारी ने विरोध के पोस्ट किए हैं।

विधायक और पूर्व विधायकों को जिम्मेदारी मिलने पर भी नाराजगी
कांग्रेस की जिला अध्यक्षों की सूची में 21 जिला अध्यक्ष रिपीट किए गए हैं। 6 विधायक, 8 पूर्व विधायक, 4 महिलाएं, 10 अनुसूचित जनजाति (ST), 8 अनुसूचित जाति (SC), 12 अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC), 3 अल्पसंख्यक वर्ग से लोगों को जिम्मेदारी दी गई है। वहीं, सीईसी मेम्बर ओंमकार सिंह मरकाम, जयवर्धन सिंह, निलय डागा, महेश परमार जैसे नामों को भी जिम्मेदारी सौंपी गई है। इनमें विधायक और पूर्व विधायकों को जिम्मेदारी दिये जाने का विरोध ज्यादा देखा जा रहा है।

इंदौर में चिंटू चौकसे के शहर अध्यक्ष और विपिन वानखेड़े के जिला अध्यक्ष बनाए जाने के बाद से असंतोष सामने आने लगा है। विरोध कर रहे लोगों का कहना है कि सर्वे और रायशुमारी को दरकिनार किया गया है। चिंटू चौकसे को शहर कांग्रेस का नया अध्यक्ष बनाया गया है और विपिन वानखेड़े को इंदौर जिला कांग्रेस अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी ने शनिवार शाम को नियुक्ति आदेश जारी किया। चौकसे इंदौर नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष हैं और वानखेड़े आगर मालवा के पूर्व विधायक हैं। संगठन को नए सिरे से गढ़ने के लिए कांग्रेस ने मध्य प्रदेश में संगठन सृजन अभियान की घोषणा की थी।

इन नियुक्तियों में मेरा कोई व्यक्तिगत हस्तक्षेप नहीं: पटवारी

इधर, पीसीसी अध्यक्ष जीतू पटवारीने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाकर स्पष्टीकरण दिया। पटवारी  ने कहा कि
इन नियुक्तियों में उनका कोई व्यक्तिगत हस्तक्षेप नहीं रहा है। यह नियुक्तियाँ कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व एवं श्री राहुल गांधी जी की मंशा के अनुरूप की गई हैं। इस सिलसिले में माननीय राहुल गांधी ने सीधे तौर पर कई नेताओं से चर्चा भी की थी, जिनमें श्री जयवर्धन सिंह भी शामिल थे।
जयवर्धन सिंह ने कहा- नवनियुक्त जिला अध्यक्ष श्री जयवर्धन सिंह ने कहा कि संगठन सृजन अभियान कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेतृत्व की एक विशेष पहल है। जैसा कि हमारे नेता माननीय राहुल गांधी जी ने कहा था—“हर जिले में सबसे प्रभावशाली नेता को अवसर दिया जाएगा।”
इसी सोच के अनुरूप उन्हें भी जिला अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इस अवसर पर उन्होंने आदरणीय कांग्रेस अध्यक्ष श्री मल्लिकार्जुन खड़गे जी और राहुल गांधी जी के प्रति आभार व्यक्त किया।
उन्होंने कहा कि जो लोग संगठन सृजन अभियान की गहराई को नहीं समझते, वही विरोध की बातें कर रहे हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि हम सब प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी जी के नेतृत्व में एकजुट हैं।

Sanjay Saxena

BSc. बायोलॉजी और समाजशास्त्र से एमए, 1985 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय , मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के दैनिक अखबारों में रिपोर्टर और संपादक के रूप में कार्य कर रहे हैं। आरटीआई, पर्यावरण, आर्थिक सामाजिक, स्वास्थ्य, योग, जैसे विषयों पर लेखन। राजनीतिक समाचार और राजनीतिक विश्लेषण , समीक्षा, चुनाव विश्लेषण, पॉलिटिकल कंसल्टेंसी में विशेषज्ञता। समाज सेवा में रुचि। लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को समाचार के रूप प्रस्तुत करना। वर्तमान में डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से जुड़े। राजनीतिक सूचनाओं में रुचि और संदर्भ रखने के सतत प्रयास।

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