Supreme court: पतंजलि विज्ञापन केस में रामदेव-बालकृष्ण का माफीनामा खारिज, कोर्ट ने कहा- जानबूझकर हमारे आदेश की अवमानना की, कार्रवाई के लिए तैयार रहें

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को पतंजलि के विवादित विज्ञापन केस में बाबा रामदेव और बालकृष्ण के दूसरे माफीनामे को भी खारिज कर दिया। जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस अमानतुल्लाह की बेंच ने पतंजलि के वकील विपिन सांघी और मुकुल रोहतगी से कहा कि आपने जानबूझकर कोर्ट के आदेश का उल्लंघन किया है, कार्रवाई के लिए तैयार रहें।

इससे पहले 2 अप्रैल को इसी बेंच में हुई सुनवाई के दौरान पंतजलि की तरफ से माफीनामा दिया गया था। उस दिन भी बेंच ने पतंजलि को फटकार लगाते हुए कहा था कि ये माफीनामा सिर्फ खानापूर्ति के लिए है। आपके अंदर माफी का भाव नहीं दिख रहा। इसके बाद कोर्ट ने 10 अप्रैल को सुनवाई की तारीख तय की थी।

इसके बाद सुनवाई से ठीक एक दिन पहले 9 अप्रैल को बाबा रामदेव और पतंजलि आयुर्वेद के मैनेजिंग डायरेक्टर आचार्य बालकृष्ण ने नया एफिडेविट फाइल किया। जिसमें पतंजलि ने बिना शर्त माफी मांगते हुए कहा कि इस गलती पर उन्हें खेद है और ऐसा दोबारा नहीं होगा।

सुप्रीम कोर्ट इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की ओर से 17 अगस्त 2022 को दायर की गई याचिका पर सुनवाई कर रही है। इसमें कहा गया है कि पतंजलि ने कोविड वैक्सीनेशन और एलोपैथी के खिलाफ निगेटिव प्रचार किया। वहीं खुद की आयुर्वेदिक दवाओं से कुछ बीमारियों के इलाज का झूठा दावा किया।

उत्तराखंड सरकार को भी फटकार

पंतजलि आयुर्वेद के मामले में उत्तराखंड सरकार पर भी सुप्रीम कोर्ट ने सख्त टिप्पणी की। अदालत ने कहा कि उत्तराखंड की सरकार ने इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की। 

Sanjay Saxena

BSc. बायोलॉजी और समाजशास्त्र से एमए, 1985 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय , मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के दैनिक अखबारों में रिपोर्टर और संपादक के रूप में कार्य कर रहे हैं। आरटीआई, पर्यावरण, आर्थिक सामाजिक, स्वास्थ्य, योग, जैसे विषयों पर लेखन। राजनीतिक समाचार और राजनीतिक विश्लेषण , समीक्षा, चुनाव विश्लेषण, पॉलिटिकल कंसल्टेंसी में विशेषज्ञता। समाज सेवा में रुचि। लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को समाचार के रूप प्रस्तुत करना। वर्तमान में डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से जुड़े। राजनीतिक सूचनाओं में रुचि और संदर्भ रखने के सतत प्रयास।

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