Shivraj singh chauhan बोले- सीएम बदलाव मेरी परीक्षा की घड़ी थी…’मोहन जी का नाम तय हुआ तो भी माथे पर बल नहीं पड़ा’

भोपाल। 2023 के विधानसभा चुनाव के बाद की परिस्थितियां जीवन की बड़ी परीक्षा थीं। “बंपर बहुमत मिला था। सबको लगा था कि अब सब कुछ स्वाभाविक है, लेकिन जब तय हुआ कि मुख्यमंत्री मोहन जी होंगे। मेरे माथे पर बल नहीं पड़ा। यह बात केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल के रवींद्र भवन में किरार समाज के दीपावली मिलन सम्मेलन में कही।

उन्होंने कहा- ‘अलग-अलग रिएक्शन हो सकते थे। गुस्सा भी आ सकता था कि मैंने इतनी मेहनत की, लोगों ने किसे वोट दिया? लेकिन दिल ने कहा- शिवराज, ये तेरी परीक्षा की घड़ी है। माथे पर शिकन मत आने देना। आज तू कसौटी पर कसा जा रहा है। और मैंने मोहन जी का नाम प्रस्तावित किया। यही परीक्षा होती है। उसके बाद मुझे प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में दिल्ली में काम करने का मौका मिला।’

इस समारोह में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान, नर्मदापुरम सांसद चौधरी दर्शन सिंह, किरार समाज की राष्ट्रीय अध्यक्ष साधना सिंह चौहान और समाज जन मौजूद थे।
शिवराज ने चांदी का मुकुट लौटाया
समारोह में समाजजनों ने शिवराज सिंह चौहान को चांदी का मुकुट पहनाकर सम्मानित किया। शिवराज ने मुकुट लौटाते हुए कहा- “यह मुकुट आपके प्रेम की अमूल्य निधि है, लेकिन मेरी इच्छा है कि इसे गरीब बेटियों के विवाह में बिछौड़ी बनवाकर उनके पैरों में पहनाया जाए, ताकि ‘मामा’ का सिर हमेशा बेटियों के चरणों में झुका रहे।”

साधना ने कोविड काल में सेवा की
शिवराज ने पत्नी साधना सिंह चौहान का जिक्र करते हुए कहा- साधना की अध्यक्ष बनने की कोई इच्छा नहीं थी, लेकिन उस समय परिस्थितियां ऐसी थीं, जिसमें तय किया गया कि साधना को अध्यक्ष बनाओ। अब भी उन्होंने मुझसे कहा है कि आप कह देना कि जल्दी अधिवेशन बुलाकर नया अध्यक्ष बनाओ।
कोविड का वो भयानक दौर मुझे याद है। कई लोगों को उस समय हमने खो दिया। हमें एक ही चिंता रहती थी कि कैसे हम लोगों को बचाएं। रेमडेसिवर इंजेक्शन, ऑक्सीजन और अस्पतालों में बेड दिलाने के लिए साधना ने अपनी परवाह नहीं की। उस समय किरार महासभा ने जो काम किया वो सेवा बेमिसाल है।

सरकार के सामने झोली नहीं फैलाएंगे
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि साधना सिंह ने प्रतियोगी परीक्षाओं की कोचिंग शुरू की। उन्होंने बताया कि उन्हें इस पहल की शुरुआत की जानकारी तब हुई, जब बी-8 में कोचिंग का पूरा भवन तैयार हो चुका था। शिवराज ने कहा कि उन्होंने साधना को बेहद तल्लीनता से काम करते देखा। इसी कोचिंग से भुवनेश खड़े जैसे युवक डिप्टी कलेक्टर बने, इसलिए यह क्लास लगातार चलती रहनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि बीच में जब वे मुख्यमंत्री नहीं रहे। केंद्र में कृषि मंत्री के रूप में दिल्ली चले गए तो यह व्यवस्था थोड़ी प्रभावित हुई। इसी दौरान एक बड़ा काम पूरा हुआ। समाज की इच्छा थी कि राजधानी में समाज का अपना भवन हो। कुछ लोग सरकारी जमीन मांगने के पक्ष में थे, लेकिन साधना और उनकी टीम ने निश्चय किया कि सरकार के सामने झोली नहीं फैलाएंगे। समाज ने खुद जमीन खरीदी और अब उस पर बनने वाला भवन लगभग पूर्णता की ओर है। यह समाज की बड़ी उपलब्धि है।

समाज को विधायक-सांसद दिलाए
कार्यक्रम में किरार समाज की राष्ट्रीय अध्यक्ष साधना सिंह चौहान ने कहा- शिवराज जी ने मध्य प्रदेश को आपने बीमारू राज्य से विकसित राज्य बनाया। आपने अपने साथ साथ किरार समाज के दो प्रतिनिधियों को संसद तक पहुंचाया है। एक दर्शन सिंह और दूसरे रोडमल नागर हैं।
उसी प्रकार विधानसभा में मनोज पटेल देपालपुर से हैं। दूसरे नरेन्द्र पटेल जो उदयपुरा से विधायक हैं और मप्र सरकार में मंत्री हैं। ऐसे व्यक्तित्व का मैं वंदन करती हूं। आपसे ही मैंने सीखा है कि मेहनत और ईमानदारी से कैसे बुलंदियां हासिल की जा सकती हैं। हमारा समाज मिट्टी को सोना बनाने का काम करता है, क्योंकि हमारा समाज कृषि प्रधान है।

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