संजय सक्सेना
Bhopal. मध्य प्रदेश कांग्रेस में एक बार फिर गुटबाजी का बुलबुला फूट गया। हालांकि प्रदेश कांग्रेस की विस्तारित बैठक पंचायत और गाँव स्तर पर कांग्रेस की पकड़ मजबूत बनाने के. लिए बुलाई गई थी, लेकिन बैठक में न केवल गुटबाजी देखने को मिली, अपितु अच्छा खासा बवाल भी. मच गया। अगले साल खाली होने वाली एक मात्र राज्यसभा सीट के लिए मारामारी भी सामने आ गई। हालांकि ये बात बहुत सारे लोगों के पल्ले ही नहीं पड़ी। दूसरे दिन यानि आज पीसीसी का एक विकेट गिरते गिरते बच गया।
मध्य प्रदेश में कांग्रेस की दुर्गति गुटबाजी के चलते ही हुईं, और अब एक बार फिर गुटबाजी ले नज़ारे देखने को मिलने लगे हैँ। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिँह की सलाह पर पीसीसी में कांग्रेस की पहली विस्तारित बैठक बुलाई गई और वो भी हंगामे से भरपूर रही. उद्देश्य अच्छा था, पर नेताओं को ये पचता भी नहीं है। सो प्रदेश अध्यक्ष पर नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने ही हमला कर दिया। उमंग ने सीधे कह दिया की बैठक से कुछ नहीं होता, मैदान में हम जीरो हैँ। आज चुनाव हो जाएं तो 40 सीटें आएंगी। इस पर सन्नाटा खिंच गया। एक दो विधायकों ने आपत्ति भी जताई और कहा कि हमारा मनोबल क्यों गिराया जा रहा है। उनका कहना था कि कोई पार्टी से मदद तो. मिलती नहीं है हमें, फिर भी हम होना क्षेत्र सम्हालने कि. कोशिश तो कर रहे हैँ।
बैठक में और भी बहुत किछ कहा गया, पर एक और उल्लेखनीय मुद्दा आमने आया, टेलेंट हंट का, जिसे लेकर मीडिया विभाग प्रमुख मुकेश नायक ने अपना पद छोड़ने कि इच्छा जाहिर कि, हालांकि बैठक में उन्होंने असल मुद्दा ना बताते हुए इसे व्यक्तिगत बता दिया। और दूसरे दिन यानि आज शनिवार को उन्होंने इस्तीफ़ा दें दिया। ऐसी उम्मीद नहीं थी. विवाद आई टी सैल के अभय तिवारी ने शुरू किया था नायक कि लिस्ट निरस्त करके। तिवारी को कमलनाथ के ख़ास प्रवीण कक्कड़ लाये थे और वह नाथ क्व खेमे के ही कहे जाते हैँ। उपलब्धियों की बात करें तो तिवारी का रिजल्ट जीरो ही रहा हैँ, पर मीडिया का प्रभारी बनाया तो सीनियर मुकेश नायक को भी नीचा दिखाने कि कोशिश में जुट गये। दिखा भी दिया. अब बवाल मचा तो नायक ने इस्तीफ़ा दें दिया। जीतू पटवारी ने नायक से बात की और संगठन महामंत्री से इस्तीफ़ा अस्वीकार करने का पत्र जारी करवा दिया.
राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं तो बहुत चलना शुरू हुईं, पर ख़ास चर्चा रही आगामी राज्यसभा चुनाव की। असल में पूर्व cm दिग्विजय सिंह अगले साल राज्यसभा से रिटायर हो रहे हैँ। वो फिर जाना चाहते हैँ, लेकिन हाई कमान की ओर से जो संकेत मिल रहे हैँ, वो उनके फेवर में नहीं दिख रहे. सो उन्होंने अपनी गोटियाँ बिछाना शुरू कर दिया है। दिग्विजय कल की बैठक में पूरे जोश में दिखे तो मुकेश नायक भी राज्यसभा के लिए आतुर दिखाई दे रहे हैँ। आज दिग्गी राजा ने ट्विटर पर संकेत भी दें दिए। उन्होंने संगठन के मामले में मोदी की तारीफ कर के नया विवाद शुरू कर दिया है. ये उनकी दबाव की शैली मानी जाती है. अब पार्टी नेतृत्व दबाव में आता है या नहीं, ये देखना होगा। लाइन में प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी भी हैँ, क्योंकि वो विधानसभा हार गये थे और अध्यक्ष के नाते यदि राजयसभा मिल जाता हैँ तो बेहतर होगा।
हाई कमान की बात करें तो राज्यसभा के लिए उनके पास लम्बी कतार है। पार्टी अध्यक्ष खरगे से लेकर ओवन खेड़ा तक के नाम सूची में हैँ, पर सीटें बहुत कम हैँ। एमपी से कोई बाहर का नाम भी आ सकता है और प्रदेश से पूर्व सांसद मीनाक्षी नटराजन का नाम भी इसमें शामिल हो सकता है। देखना होगा राजनीतिक गोटियाँ खेलने में माहिर दिग्विजय फिर से राज्य सभा जाने में सफल होते हैँ, या उनकी सीट कोई और छीन कर ले जाता है.
