Madhya pradesh में 50 लाख वोटर हटाने की तैयारी: उमंग सिंघार, सवाल उठाया- 1 महीने में वोटर्स की जांच कैसे संभव?

भोपाल। एमपी सहित 12 राज्यों में चल रही स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) प्रक्रिया को लेकर मध्य प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए है।
भोपाल में अपने आवास पर प्रेस कॉन्फ्रेंस में सिंघार ने कहा कि चुनाव आयोग ने इसे स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन का नाम दिया है, लेकिन वे इसे सिलेक्टिव इंटेंसिव रिमूवल मानते हैं यानी वोटर लिस्ट से चुनिंदा नाम हटाने की प्रक्रिया।

उन्होंने सवाल उठाया कि जब आयोग हर साल स्पेशल समरी रिवीजन (SSR) करता आया है, तो अब SIR की आवश्यकता क्यों पड़ी? हर साल जनवरी में नाम जोड़ने और हटाने का काम होता है, तो क्या आयोग को अपनी ही प्रक्रिया पर विश्वास नहीं है? अगर आयोग को खुद पर भरोसा नहीं, तो जनता उस पर कैसे भरोसा करेगी?

आयोग ही गड़बड़ी कर रहा, तो SIR पर विश्वास कैसे करें’

सिंघार ने कहा कि उन्होंने 19 अगस्त को हुई एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में वोट चोरी के कई प्रमाण प्रस्तुत किए थे, लेकिन अब तक न एमपी चुनाव आयोग और न ही भारत निर्वाचन आयोग ने कोई जवाब दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी ने चुनाव आयोग के एजेंट के रूप में जवाब दिया था।
सिंघार ने कहा, “दो महीने में 16 लाख वोट बढ़े थे, और 9 जून 2025 को आयोग ने पत्र जारी कर कहा कि अंतिम सूची के बाद जो नाम जोड़े जाएंगे, उनकी जानकारी न तो किसी वेबसाइट पर डाली जाएगी, न किसी को दी जाएगी।”
उन्होंने कहा कि एमपी के अलावा कई अन्य राज्यों में भी आयोग ने इस तरह के आदेश जारी किए हैं। “जब आयोग ही गड़बड़ी कर रहा है, तो हम SIR पर कैसे विश्वास करें?”एक महीने वोटर्स की जांच कैसे संभव है?

सिंघार ने बताया कि प्रदेश में 5 करोड़ 65 लाख मतदाता और 65 हजार मतदान केंद्र हैं। देश में कुल 51 करोड़ मतदाता हैं। उन्होंने कहा, 4 नवंबर से 4 दिसंबर के बीच सिर्फ एक महीने में साढ़े पांच करोड़ मतदाताओं की जांच कैसे संभव है? यह आयोग का अजूबा काम हो रहा है। सिंघार ने यह भी कहा कि इतनी कम अवधि में हर व्यक्ति के दस्तावेज सत्यापित करना संभव नहीं है, ऐसे में पारदर्शिता कैसे बनी रहेगी?
50 लाख लोगों के नाम काटने साजिश है यह
सिंघार ने कहा कि बिहार में लाखों लोगों को वोटर लिस्ट से हटा दिया गया। कई मजदूर जो बाहर काम कर रहे थे, उन्हें डिलीट लिस्ट में डाल दिया गया। उन्होंने लोकसभा में 20 जुलाई 2023 को दिए गए एक जवाब का हवाला देते हुए कहा कि 50 लाख एमपी के लोग बाहर काम करते हैं, तो क्या उन्हें एमपी वापस आना पड़ेगा कि वे यहां के निवासी हैं?

उनका आरोप था कि 50 लाख लोगों के नाम काटने की साजिश रची जा रही है। “जब 16 लाख वोटों में गड़बड़ी की स्थिति बन सकती है, तो 50 लाख नाम काटने पर क्या होगा?”
आदिवासी वोटर्स के नाम भी काटने की तैयारी
सिंघार ने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा आदिवासी मतदाताओं के वोट काटने की तैयारी कर रही है। “आदिवासियों के पास न इंटरनेट है, न कंप्यूटर। तीन लाख आदिवासियों के वनाधिकार पट्टे खारिज कर दिए गए, यानी 12 से 18 लाख वोट काटने की तैयारी पहले ही कर ली गई”।
सिंघार ने चेतावनी दी कि यह साजिश दलित, अल्पसंख्यक और ओबीसी समुदायों तक भी पहुंचेगी। “ये लोग भी रोजगार के लिए बाहर जाते हैं, और जब BLO (बूथ लेवल अधिकारी) उन्हें घर पर नहीं पाएंगे, तो उनके नाम वोटर लिस्ट से हटा दिए जाएंगे”।

Sanjay Saxena

BSc. बायोलॉजी और समाजशास्त्र से एमए, 1985 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय , मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के दैनिक अखबारों में रिपोर्टर और संपादक के रूप में कार्य कर रहे हैं। आरटीआई, पर्यावरण, आर्थिक सामाजिक, स्वास्थ्य, योग, जैसे विषयों पर लेखन। राजनीतिक समाचार और राजनीतिक विश्लेषण , समीक्षा, चुनाव विश्लेषण, पॉलिटिकल कंसल्टेंसी में विशेषज्ञता। समाज सेवा में रुचि। लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को समाचार के रूप प्रस्तुत करना। वर्तमान में डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से जुड़े। राजनीतिक सूचनाओं में रुचि और संदर्भ रखने के सतत प्रयास।

Related Articles