MP: इंदौर में पूर्व सैनिकों के परिवारों के मकान तोड़ने पर बवालः विरोध में JCB के सामने खड़ी हो गईं महिलाएं; पुलिस खींचकर अलग ले गई

इंदौर। इंदौर में एमओजी लाइन में सोमवार सुबह बवाल हो गया। यहां पूर्व सैनिकों के 4 मकानों को तोड़ने के लिए आई रिमूवल गैंग को देखकर परिवार भड़क गए। विरोध शुरू कर दिया और महिलाएं, बच्चे सब जेसीबी के सामने आकर खड़े हो गए। मौके पर कांग्रेस नेता भी पहुंच गए थे।

जमकर विरोध के बाद पुलिस ने समझाने की कोशिश की। इसके बाद निगम प्रशासन 8 दिन का समय देकर वहां से लौट गई। प्रशासनिक अमले के मुताबिक यह कार्रवाई कोर्ट के आदेश पर की जा रही है। आज सिर्फ चार मकानों को तोड़ने के निर्देश थे। इनके संबंध में एसडीएम कोर्ट से बेदखली के आदेश भी जारी हुए थे।

प्रत्यदर्शियों ने बताया कार्रवाई के विरोध में जब लोग नहीं मान रहे थे तो पुलिस ने बलप्रयोग किया। मौके से जेसीबी के सामने खड़े कई युवाओं और महिलाओं को कॉलर और गर्दन पकड़कर पुलिस खींचते हुए अलग ले गई। इनके अलावा कांग्रेस नेताओं सहित सात लोगों को हिरासत में ले लिया। कांग्रेस प्रत्याशी भी जेसीबी पर खड़े थे, उन्हें हिदायत देकर उतारा गया। बाद में सभी को छोड़ दिया गया।

महिलाएं बोलीं- कार्रवाई गैरकानूनी, वक्त भी नहीं दिया

दरअसल, जैसे ही नगर निगम की टीम मौके पर पहुंची तो लोगों ने विरोध शुरू कर दिया। शनिवार को नोटिस देने के बाद अचानक शुरू हुई कार्रवाई को गैरकानूनी बताया। बड़ी संख्या में महिलाएं भी विरोध करने आ गईं। पुलिस ने पहले कार्रवाई देखने के लिए जमा हुई । भीड़ को खदेड़ा। फिर प्रदर्शनकारी परिवारों से बातचीत का दौर शुरू हुआ। जब बात नहीं बनी तो विरोध की अगुवाई कर रहे 7 को हिरासत में लेकर छत्रीबाग थाने पहुंचाया गया। इनमें कांग्रेस नेता भी थे।

रहवासियों ने कहा कि रहवासियों को शनिवार को ही नोटिस दिया गया ताकि वे कोर्ट में जाकर न्याय की गुहार भी नहीं लगा सकें। आरोप लगाया कि वे सोमवार सुबह निगम की रिमूवल गैंग पुलिस के साथ इन लोगों के मकान को तोड़ने के लिए पहुंच गई। मौके पर विरोध तेज होने लगा तो पुलिस ने हल्का बल प्रयोग करते हुए 

Sanjay Saxena

BSc. बायोलॉजी और समाजशास्त्र से एमए, 1985 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय , मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के दैनिक अखबारों में रिपोर्टर और संपादक के रूप में कार्य कर रहे हैं। आरटीआई, पर्यावरण, आर्थिक सामाजिक, स्वास्थ्य, योग, जैसे विषयों पर लेखन। राजनीतिक समाचार और राजनीतिक विश्लेषण , समीक्षा, चुनाव विश्लेषण, पॉलिटिकल कंसल्टेंसी में विशेषज्ञता। समाज सेवा में रुचि। लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को समाचार के रूप प्रस्तुत करना। वर्तमान में डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से जुड़े। राजनीतिक सूचनाओं में रुचि और संदर्भ रखने के सतत प्रयास।

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