भोपाल. पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने अशोकनगर जिला प्रशासन, पुलिस और सरकार पर एक बार फिर घेरा है। पटवारी ने शुक्रवार को भोपाल स्थित अपने आवास पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि मध्यप्रदेश की कानून व्यवस्था को लेकर खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी सवाल उठाते हैं। पुलिस ही जब अपराधी बन जाए, बहनों के साथ दुष्कर्म होते हैं। मध्यप्रदेश में हर तरह का क्राइम बाहें फैला चुका है। यहां माफियाओं का राज है। हर विभाग का माफिया वल्लभ भवन की पांचवीं मंजिल तक अपनी एप्रोच कर चुका है।
‘जो पीड़ित था, उसकी बात उठाई तो मुझ पर ही एफआईआर कर दी’
जीतू पटवारी ने कहा- एक व्यक्ति, जो पीड़ित था, गजराज लोधी, वह लगातार 15-20 दिनों तक अलग-अलग दलों के नेताओं, कलेक्टर, प्रशासन, पुलिस और मीडिया के चक्कर लगाता रहा। वह बार-बार कहता रहा कि उसे मल खिलाया गया, गरम-ठंडा पानी डालकर मारा गया, उसकी मोटरसाइकिल छीन ली गई। इस घटना के वीडियो और साक्ष्य हर जगह उपलब्ध थे। जब मैंने सरकार को इस पूरे मामले की गंभीरता और पीड़ित की भावना से अवगत कराया, तो सरकार नाराज हो गई और मुझ पर ही एफआईआर दर्ज करा दी।
14 दिन से परिवार कहां गायब है?
पटवारी ने कहा- सवाल ये है कि आज 14 दिन से वो परिवार कहां हैं? दिग्विजय सिंह उसके गांव गए थे तो गांव वालों ने बताया कि वो 26 तारीख से घर नहीं आया। सवाल ये है कि वो परिवार कहां हैं? उस परिवार को पब्लिक के सामने लाया जाए, क्या उसका अपहरण हुआ है? उसके साथ कोई और घटना घटित तो नहीं हो गई? क्योंकि मल खिलाने के बाद पूरे प्रदेश में इस मुद्दे को मीडिया ने उठाया था। जब हम आठ तारीख को वहां गिरफ्तारी देने गए थे, तब दिग्विजय सिंह ने थाने में शिकायत की थी कि उसके गांव, परिवार वाले कह रहे हैं कि वो नहीं मिल रहा है तो कांग्रेस स्वाभाविक तौर पर विपक्ष की भूमिका निभाएगी।
कब क्या हुआ..?
25 जून: अशोकनगर जिले के मुंगावली क्षेत्र के मूंदरा गांव के गजराज और उनके भाई रघुराज लोधी ने सरपंच के बेटे द्वारा मारपीट करने और मल खिलाए जाने का आरोप लगाया। इस आरोप के वीडियो वायरल हुए।
26 जून : गजराज लोधी ने कलेक्टर को शपथपत्र देकर कहा कि “मल खिलाने की घटना झूठी”है। शपथ पत्र में लिखा गया कि उसे कांग्रेस नेताओं की ओर से पैसे और मोटरसाइकिल देने का लालच देकर झूठा बयान देने को कहा गया। जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ।
27 जून: अशोकनगर जिले के मुंगावली थाने में गजराज के कथन के आधार पर जीतू पटवारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई। इस एफआईआर में पटवारी पर झूठे सबूत तैयार करने, धर्म/जाति के आधार पर वैमनस्यता फैलाने, साजिश, फर्जी बयान और सार्वजनिक अशांति फैलाने जैसे दर्जनों गंभीर धाराओं के तहत केस दर्ज हुआ।
28 जून: कांग्रेस पार्टी ने FIR को राजनीतिक साजिश बताते हुए उसे रद्द कराने की मांग की। पूर्व मंत्रियों और कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने पत्र जारी किया, आरोप लगाया कि एफआईआर से लोकतंत्र दबाया जा रहा है।
1 से 7 जुलाई के बीच कांग्रेस ने जीतू पटवारी पर दर्ज एफआईआर को वापस लेने के लिए न्याय सत्याग्रह का आयोजन किया।
8 जुलाई को अशोकनगर में एमपी कांग्रेस की ओर से न्याय सत्याग्रह का बड़ा प्रदर्शन हुआ। इस प्रदर्शन में पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह, प्रदेश प्रभारी हरीश चौधरी, पीसीसी चीफ जीतू पटवारी, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार सहित प्रदेश भर से कांग्रेस के विधायक और कार्यकर्ता पहुंचे। पटवारी सहित बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने गिरफ्तारी दी।
9 जुलाई को दिग्विजय सिंह ने पुलिस पर आरोप लगाया कि गजराज लोधी और उनका परिवार अब तक लापता है और पुलिस मामले में गुमशुदगी दर्ज नहीं कर रही है। दिग्विजय सिंह ने एसपी और टीआई को फर्जी मामला दर्ज करने पर हटाने की मांग की।