MP : किसानों को न्याय मिलने तक जूते नहीं पहनेंगे विधायक..

श्योपुर। अपने बयानों और अंदाज के लिए अक्सर सुर्खियों में रहने वाले कांग्रेस विधायक बाबू जंडेल ने अब एक  प्रतिज्ञा लेकर फिर चर्चा बटोरी है। विधायक ने घोषणा की है कि जब तक जिले के किसानों को मुआवजा और न्याय नहीं मिल जाता, तब तक वह जूते-चप्पल नहीं पहनेंगे।
मंगलवार शाम करीब 4 बजे जंडेल बड़ौदा तहसील के उतनवाड़ गांव पहुंचे, जहां उन्होंने बेमौसम बारिश से बर्बाद हुई फसलों का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने किसानों के समर्थन में कहा कि जब तक नुकसान की भरपाई नहीं होती और उन्हें मुआवजा नहीं मिलता, वे नंगे पैर ही रहेंगे। उनका यह संकल्प सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
‘सर्वे के नाम पर राजस्व अमले की लूट को रोका जाए’
विधायक जंडेल ने बड़ौदा–प्रेमसर क्षेत्र में वर्षा से खराब हुई धान की फसल का निरीक्षण किया और कमलनाथ मॉडल पर किसानों को राहत देने की मांग की। उन्होंने कहा कि कमलनाथ सरकार के समय अतिवृष्टि से बर्बाद फसलों के लिए बिना सर्वे के मुआवजा दिया गया था, अब भी किसानों को उसी तरह राहत दी जानी चाहिए। सर्वे के नाम पर राजस्व अमले की लूट को रोका जाए।
‘केसीसी कर्ज का ब्याज माफ किया जाए’
उन्होंने आगे कहा कि किसानों को बिना सर्वे शत-प्रतिशत नुकसान मानकर मुआवजा दिया जाए, एक वर्ष का बिजली बिल माफ किया जाए और केसीसी कर्ज का ब्याज माफ किया जाए। जंडेल ने चेतावनी दी कि यदि किसानों को न्याय नहीं मिला तो वह जीवनभर जूते-चप्पल नहीं पहनेंगे। मंगलवार को वह अपने इस एलान पर कायम रहे और पूरे दिन नंगे पैर खेतों में घूमकर किसानों की फसलों का हाल देखा। विधायक बाबू जंडेल की यह ‘नंगे पैर प्रतिज्ञा’ अब श्योपुर जिले में चर्चा का नया विषय बन गई है।

Sanjay Saxena

BSc. बायोलॉजी और समाजशास्त्र से एमए, 1985 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय , मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के दैनिक अखबारों में रिपोर्टर और संपादक के रूप में कार्य कर रहे हैं। आरटीआई, पर्यावरण, आर्थिक सामाजिक, स्वास्थ्य, योग, जैसे विषयों पर लेखन। राजनीतिक समाचार और राजनीतिक विश्लेषण , समीक्षा, चुनाव विश्लेषण, पॉलिटिकल कंसल्टेंसी में विशेषज्ञता। समाज सेवा में रुचि। लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को समाचार के रूप प्रस्तुत करना। वर्तमान में डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से जुड़े। राजनीतिक सूचनाओं में रुचि और संदर्भ रखने के सतत प्रयास।

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