MP : गुना-शिवपुरी में सिंधिया समर्थक नगर पालिका अध्यक्षों के खिलाफ बगावत, तीन साल पूरे होते ही अविश्वास प्रस्ताव की तैयारी

भोपाल। गुना और शिवपुरी नगर पालिकाओं में पिछले तीन साल से सत्ता पक्ष के भीतर ही घमासान मचा है। दोनों ही नगर पालिकाएं केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के लोकसभा क्षेत्र में आती हैं और दोनों ही जगह भाजपा की अध्यक्ष हैं।

दिलचस्प बात यह है कि गुना में जहां सिंधिया समर्थक अध्यक्ष सविता गुप्ता को भाजपा पार्षदों के ही विरोध का सामना करना पड़ रहा है, तो शिवपुरी में पूर्व मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया समर्थक अध्यक्ष गायत्री शर्मा के खिलाफ भाजपा-कांग्रेस दोनों पार्टियों के पार्षद लामबंद हो चुके हैं।

विरोध का कारण विकास कार्यों में अनदेखी और पार्षदों की उपेक्षा बताया गया है। अगस्त में अध्यक्षीय कार्यकाल के तीन साल पूरे होने पर दोनों नगर पालिकाओं में अविश्वास प्रस्ताव लाने की सुगबुगाहट है। इसे देखते हुए भाजपा संगठन डैमेज कंट्रोल में जुटा है, लेकिन सवाल यही है कि यह प्रेशर पॉलिटिक्स है या फिर वाकई विकास की जमीनी लड़ाई?

गुना नगर पालिका परिषद की बैठक में नामांतरण के अधिकार नपाध्यक्ष को देने के मुद्दे पर पार्षदों ने विरोध जताते हुए हंगामा कर दिया। इसमें भाजपा के छह पार्षदों सहित कांग्रेस के पार्षद भी शामिल थे। कई अन्य प्रस्तावों पर भी विरोध जताया गया। बाद में वोटिंग की नौबत आई और 20 पार्षदों के हस्ताक्षर के बाद नामांतरण वाला प्रस्ताव पास हुआ। तीन दिन बाद भाजपा ने अपने छह पार्षदों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया।

सिंधिया के साथ भाजपा में आई थीं सविता
गुना नगरपालिका अध्यक्ष सविता अरविंद गुप्ता सिंधिया समर्थक हैं। वो सिंधिया के साथ ही कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आई हैं। गुना में भाजपा ने विरोध और हंगामा करने पर छह पार्षदों को नोटिस जारी किए थे। इनमें उपाध्यक्ष धरम सोनी, पार्षद दिनेश शर्मा, अजब बाई लोधा, ब्रजेश राठौर, सुमन लोधा और सुनीता रघुवंशी शामिल हैं।इनमें से दिनेश शर्मा और सुनीता रविन्द्र रघुवंशी सिंधिया समर्थक हैं। दोनों सिंधिया के साथ ही कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे। वहीं अजब बाई लोधा भी सिंधिया समर्थक मानी जाती हैं। बाकी तीन पार्षद मूल भाजपा से हैं।
यदि ओवरऑल बात करें तो गुना नगरपालिका में कुल 37 पार्षद हैं। इसमें से 25 पार्षद भाजपा और 12 पार्षद कांग्रेस के हैं। इनमें से 8 पार्षद सिंधिया समर्थक हैं। ये सिंधिया के साथ कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए थे।

सिंधिया के सामने शक्ति प्रदर्शन
गुना नगरपालिका में हालत यह हो गए कि नपाध्यक्ष के खिलाफ लगातार शिकवा शिकायतें केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया तक पहुंचाई जाने लगीं। इसी बीच गुना नगरपालिका में डिप्टी कलेक्टर को प्रभारी CMO बनाकर बिठा दिया गया। इसे भी नपाध्यक्ष की अनदेखी करने के रूप में देखा गया। इसी के बाद नपाध्यक्ष सविता अरविंद गुप्ता लगभग 20 पार्षदों के साथ केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से मुलाकात करने दिल्ली पहुंचीं। इसे एक तरीके से शक्ति प्रदर्शन के रूप में देखा गया।

नेता प्रतिपक्ष बोले- तीन साल में शहर की हालत सबसे बदतर
गुना नगरपालिका में नेता प्रतिपक्ष शेखर वशिष्ठ ने नगर पालिका परिषद की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा, यह गुना शहर का दुर्भाग्य ही है कि करीब तीन साल पहले, जुलाई-अगस्त माह में हुए नगर पालिका अध्यक्ष पद के चुनाव में कांग्रेस पार्टी को हार का सामना करना पड़ा। उस समय अध्यक्ष पद के लिए कांग्रेस और भाजपा दोनों के 13-13 वोट बराबर रहे, लेकिन कांग्रेस की पर्ची नहीं निकलने के कारण भाजपा को अध्यक्ष पद मिल गया।

नामांतरण मामले में हंगामा, भ्रष्टाचार चरम पर’
शेखर वशिष्ठ ने कहा कि नामांतरण के मामलों को लेकर परिषद की बैठकों में जमकर हंगामा हुआ। पार्षदों के अधिकार जबरन छीने गए, जिससे सदन की मर्यादा तार-तार हो गई। भ्रष्टाचार के मुद्दे पर भाजपा के पार्षद भी दो गुटों में बंट गए हैं। एक गुट अध्यक्ष पति और प्रभारी सीएमओ को हटाने के लिए सत्ता के हर दरवाजे पर दस्तक दे रहा है, तो दूसरा गुट भ्रष्टाचार पर लगाम कसने के लिए सिंधिया गुट के समर्थन में खड़ा है।
नेता प्रतिपक्ष ने दावा किया कि गुना के सांसद और केंद्रीय मंत्री भी नगर पालिका के हालात से नाराज हैं। यही वजह है कि नपा में सुधार के लिए डिप्टी कलेक्टर को प्रभारी सीएमओ नियुक्त किया गया है, जो वर्तमान में नगर पालिका की अव्यवस्थाओं पर शिकंजा कसने में जुटी हैं।

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