MP Congress : 45 साल से कम उम्र के होंगे नए जिलाध्यक्ष, ऑब्जर्वर्स से प्रदेश प्रभारी बोले- पैनल में उन्हीं को रखें जिन्हें पार्टी में 5 साल से ज्यादा हुए

भोपाल। प्रदेश में कांग्रेस के नए जिला अध्यक्ष 35 से 45 साल की उम्र के होंगे। यह बात कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी हरीश चौधरी ने रविवार को हुई वर्चुअल मीटिंग में कही। उन्होंने कहा, 5 साल से पहले पार्टी में शामिल नेताओं को पैनल में न जोड़ें।

मध्यप्रदेश में संगठन सृजन अभियान के तहत दिल्ली और भोपाल से नियुक्त ऑब्जर्वर्स की तीन सदस्यीय टीम अब हर जिले में जाकर जिला और ब्लॉक अध्यक्षों के नाम तलाशेगी। इसके साथ ही जिले में कांग्रेस की मजबूती और कमजोरी के कारणों की वजह भी तलाशेगी। पीसीसी से नियुक्त किए गए 165 ऑब्जर्वर्स की आज रविवार को जूम मीटिंग हुई।
इस वर्चुअल मीटिंग में कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी हरीश चौधरी, पीसीसी चीफ जीतू पटवारी, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार सहित प्रदेश भर के ऑब्जर्वर जुडे़ थे।

45 साल से कम उम्र का हो जिला अध्यक्ष
वर्चुअल मीटिंग में कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी हरीश चौधरी ने कहा, एआईसीसी और पीसीसी के ऑब्जर्वर अपने जिले में दौरे का कार्यक्रम बनाकर नीयत समय पर पहुंचें। जिला कांग्रेस कमेटी जिले के कार्यकर्ताओं की बैठक आयोजित करेगी। जिला अध्यक्ष के लिए 6 नामों का पैनल तैयार करना है। हमारा प्रयास ये होना चाहिए कि जिला अध्यक्ष के लिए 35 साल से 45 साल के बीच की उम्र के नेता ही पैनल में शामिल हों।

यदि कोई सशक्त व्यक्ति और विचारधारा से जुड़ा हुआ सीनियर दावेदारी करता है तो उसे विशेष परिस्थितियों में शामिल किया जा सकता है। कोई मजबूत कार्यकर्ता आयुसीमा के चक्कर में छूट न जाए। लेकिन, राहुल जी की सोच है कि कांग्रेस का जिलाध्यक्ष युवा हो, तकनीक फ्रेंडली हो, सोशल मीडिया पर सक्रिय हो। ये सारी खूबियों वाले कार्यकर्ताओं को आप पैनल में शामिल करें।
पैनल में ये 6 प्रकार के नाम होंगे शामिल
हर जिले से जिला अध्यक्ष के लिए पैनल में 6 नाम शामिल किए जाएंगे। इनमें एससी, एसटी, ओबीसी, अल्पसंख्यक, महिला के नाम हर हाल में शामिल किए जाएंगे। इसके बाद दो अन्य दावेदारों के नाम पैनल में शामिल रहेंगे।

जिले का डेटा हर टीम के पास
राहुल गांधी के साथ 3 जून को हुई बैठक के बाद सभी ऑब्जर्वर्स को आवंटित जिले का जातिगत डेटा फोल्डर में दिया गया है। इसमें यह बताया गया है कि किस जिले में किस जाति की संख्या ज्यादा हैं और कौन से समाज के लोग निर्णायक भूमिका निभाते हैं। जिलाध्यक्ष के पैनल में इस डेटा के आधार पर भी लोग पैनल में शामिल किए जाएंगे।
पर्यवेक्षकों ने पूछा- नए नेता दावेदार तो क्या करें
मीटिंग में एक पर्यवेक्षक ने पूछा कि यदि कोई नेता दो साल पहले पार्टी में शामिल हुआ। वो पार्टी में काम भी कर रहा है और यदि वह जिला अध्यक्ष के लिए दावेदारी कर रहे है तो हमें क्या करना चाहिए? इस पर हरीश चौधरी ने कहा, जिला अध्यक्ष के लिए दावेदारी करने वाला व्यक्ति कम से कम 5 साल से पार्टी में काम करने वाला होना चाहिए।

भितरघात की शिकायत तो नहीं कर पाएंगे दावेदारी
बैठक में एक पर्यवेक्षक ने पूछा कि जिनके खिलाफ भितरघात और चुनाव में गड़बड़ी की शिकायतें हैं, वे यदि दावेदारी कर रहे हैं तो क्या करना होगा? इस पर हरीश चौधरी ने कहा- यदि 5 साल के भीतर चुनावों में भितरघात की शिकायतें है और वे शिकायत सही हैं तो ऐसे लोगों को पैनल में नहीं जोड़ना चाहिए।

पर्यवेक्षक बोले- जिले में टीम जाएगी, हम बाहर होंगे तो सुझाव कैसे देंगे
एक ऑब्जर्वर ने कहा- पूरे प्रदेश में 10 जून से 30 जून के बीच ऑब्जर्वर जाएंगे। हम दूसरे जिले के पर्यवेक्षक हैं। ऐसे में यदि हम अपने आवंटित जिले में जिस दिन दौरे पर हैं और उसी दिन हमारे गृह जिले में ऑब्जर्वर बैठक करने आएंगे तो हम अपने जिले में ही सुझाव नहीं दे पाएंगे। इस पर प्रदेश प्रभारी ने कहा- आप लोग अपने सुझाव लिखित में अपने गृह जिले के ऑब्जर्वर्स को दे दें। उन्हें मान्य किया जाएगा।

किसी नेता के होटल में न रुकें, सुविधाओं का लाभ न लें
प्रदेश प्रभारी हरीश चौधरी ने कहा चाहे एआईसीसी के ऑब्जर्वर हों या पीसीसी के पर्यवेक्षक हों। कोई भी किसी जिले में किसी नेता के होटल और घर पर न रुकें। न ही किसी स्थानीय नेता के साथ दौरे करें। आपके पूरे प्रवास की व्यवस्था एआईसीसी के निर्देश पर कराई जा रही है।

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