MP: बीएचईएल एम्पलाईज को आपरेटिव सोसायटी बंद होने की कगार पर

भोपाल। भेल प्रबंधन ने कर्मचारियों की सुविधा के लिए बीएचईएल एम्पलाईज को आपरेटिव सोसायटी का गठन किया था जिसके अध्यक्ष बीएचईएल के महाप्रबंधक स्तर के अधिकारी हुआ करते थे। संस्था करोड़ों के मुनाफे में थी लेकिन जबसे प्रबंधन ने हाथ खींचा तबसे धीरे—धीरे यह संस्थान बर्बादी के कगार पर पहुंच गई। आज स्थिति यह है कि भेल प्रबंधन के एक आला अफसर एक यूनियन की सोसायटी को यानि निजी हाथों में सौंपने की तैयारी कर रहे हैं। खास तौर पर इस सोसायटी के सैंकड़ों श्रमिकों को नेताजी की सोसायटी में भेज दिया जाएगा इसके लिए श्रमिकों से फार्म भरवाना शुरू कर दिया हैं।

इसमें भेल के एक अफसर क्या लाभ शुभ जुड़ा हैं या नहीं यह तो वही जाने लेकिन यहां के सैंकड़ों मजदूरों के वेतन का भुगतान खुद प्रबंधन ही कर रहा हैं। जब नए अध्यक्ष ने कार्यभार संभाला तब उन्होंने एक श्वेत पत्र जारी कर लिखित में लिया था कि यह संस्था करीब साढ़े तीन करोड़ के घाटे में हैं। ऐसे में भेल प्रबंधन को भी आनन—फानन में अपने चहेती एक सोसायटी को देने का मन बना लिया है। ऐसी चर्चा हैं कि अगले माह तक बीएचईएल एम्पलाईज को आपरेटिव सोसायटी के श्रमिक एक यूनियन नेता की सोसायटी में मर्ज हो जाएंगे और इस सोसायटी को हर माह लाखों रूपये कमाने का मौका मिल जाएगा। साफ जाहिर है कि इसके पीछे बड़ा लाभ शुभ दिखाई दे रहा हैं।

Sanjay Saxena

BSc. बायोलॉजी और समाजशास्त्र से एमए, 1985 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय , मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के दैनिक अखबारों में रिपोर्टर और संपादक के रूप में कार्य कर रहे हैं। आरटीआई, पर्यावरण, आर्थिक सामाजिक, स्वास्थ्य, योग, जैसे विषयों पर लेखन। राजनीतिक समाचार और राजनीतिक विश्लेषण , समीक्षा, चुनाव विश्लेषण, पॉलिटिकल कंसल्टेंसी में विशेषज्ञता। समाज सेवा में रुचि। लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को समाचार के रूप प्रस्तुत करना। वर्तमान में डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से जुड़े। राजनीतिक सूचनाओं में रुचि और संदर्भ रखने के सतत प्रयास।

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