Loksabha elections: बिहार की गायिका नेहा ने गाया ‘रीवा में का बा’:भाजपा विधायक ने कहा- नेहा बेरोजगार ; कांग्रेस ने किया पुरजोर समर्थन


रीवा। “यूपी में का बा” यह गाना तो आपने जरूर सुना होगा।
इस गाने ने सोशल मीडिया पर जमकर सुर्खियां बटोरी थी। जिसको लेकर जमकर विवाद भी देखने को मिला था। रीवा में 26 अप्रैल को वोटिंग होनी है। मतगणना को 10 दिन से भी कम समय बचा है।
इस बीच रीवा को लेकर बिहार की लोक गायिका नेहा सिंह राठौर का एक गाना आ गया है। जो पूरे जिले में चर्चा का विषय बन गया है। बुधवार शाम यह गाना सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। जिसमें नेहा सिंह गाती हुई नजर आ रही हैं कि रीवा में का बा ?
इस गाने में वे सांसद जनार्दन मिश्रा को भी जमकर खरी-खोटी सुना रही हैं। चुनाव के समय इस गाने के आने से राजनीतिक गलियारों में चहल -पहल तेज हो गई है। जहां कांग्रेस इस गाने का समर्थन कर रही है। वही भाजपा इस गाने को कांग्रेस का जुमला बता रही है।
गाने के वायरल होने के बाद मंनगवा विधायक नरेंद्र प्रजापति ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि मैं नेहा सिंह राठौर को रीवा आमंत्रित करता हूं। वे रीवा आए और देखें कि रीवा में का बा…

उन्होंने कहा कि नेहा सिंह राठौर बेरोजगार हैं। उनके पास कोई काम नहीं है। जिस वजह से वे बीच-बीच में इस तरह के प्रायोजित गीत गाती रहती हैं।

मैं उन्हें कहना चाहता हूं कि वे यहां आए। मैं उन्हें अपने साथ घुमा कर दिखाऊंगा कि रीवा में आज क्या कुछ नहीं है। वे बीच-बीच में ऐसे फूहड़ गीत गाती रहती हैं जो औचित्य हीन है।

वहीं कांग्रेस नेता बृजेंद्र गुप्ता ने इस गाने को रीवा की सच्चाई बताया है। उन्होंने कहा कि नेहा सिंह राठौर ने अपने इस गाने में दिल खोल कर सच बोला है। रीवा में आज बेरोजगारी और भ्रष्टाचार चरम पर है। ऐसे में इस गीत में कुछ भी गलत नहीं कहा गया है। नेहा सिंह का यह कदम सराहनीय है जिसका हम सभी पुरजोर समर्थन करते हैं।

Sanjay Saxena

BSc. बायोलॉजी और समाजशास्त्र से एमए, 1985 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय , मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के दैनिक अखबारों में रिपोर्टर और संपादक के रूप में कार्य कर रहे हैं। आरटीआई, पर्यावरण, आर्थिक सामाजिक, स्वास्थ्य, योग, जैसे विषयों पर लेखन। राजनीतिक समाचार और राजनीतिक विश्लेषण , समीक्षा, चुनाव विश्लेषण, पॉलिटिकल कंसल्टेंसी में विशेषज्ञता। समाज सेवा में रुचि। लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को समाचार के रूप प्रस्तुत करना। वर्तमान में डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से जुड़े। राजनीतिक सूचनाओं में रुचि और संदर्भ रखने के सतत प्रयास।

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