MP: इंदौर कांग्रेस प्रत्याशी की नामवापसी पर हाईकोर्ट में सुनवाई शुरू

इंदौर। इंदौर से कांग्रेस लोकसभा प्रत्याशी अक्षय कांति बम के एनवक्त पर नामांकन वापस लेने के बाद कांग्रेस मंगलवार को हाईकोर्ट पहुंच गई। पार्टी की ओर से याचिका दायर कर तत्काल सुनवाई की अपील की गई। हाईकोर्ट ने इसे स्वीकार कर लिया है। लंच के बाद इस मामले पर सुनवाई शुरू हो गई है।
हाई कोर्ट ने कहा कि मोतीसिंह पटेल का आवेदन निरस्त हुआ है। उसमें 10 प्रस्तावकों के साइन भी नहीं हैं। जब पहला आवेदन निरस्त हो गया तो उसे रिवाइज नहीं किया जा सकता। फॉर्म रिजेक्ट हो गया है, इसलिए आप दौड़ में नहीं हैं। एक्ट भी यही कहता है। हाईकोर्ट ने कहा कि इसे चुनावी याचिका दायर करिए।
हाई कोर्ट ने इलेक्शन कमीशन से इस मामले में जवाब
मांगा तो जवाब दिया कि स्क्रूटनी के समय ही रिजेक्ट हो
गया था। कारण था कि उन्होंने दस प्रस्तावकों को नहीं
रखा गया। यदि वे नाम वापसी के दिन तक बने रहते तो
ये पात्र हो जाते। चुनावी प्रक्रिया पीछे नहीं जा सकती।
कांग्रेस नेता मोतीसिंह पटेल की ओर से दायर याचिका में कहा है कि कांग्रेस ने जो बी फॉर्म जारी किया था, उसमें अप्रूव्ड कैंडिडेंट में अक्षय बम का नाम था और उसी में सब्स्टीट्यूट कैंडिडेंट में मेरा नाम था। फॉर्म बी अक्षय की ओर से निर्वाचन अधिकारी के समक्ष पेश किया था। इसी कारण से मेरा फॉर्म निरस्त कर दिया गया। अब जब अक्षय नामांकन वापस ले चुके हैं तो कांग्रेस के सब्स्टीट्यूट कैंडिडेंट के नाते मेरा फॉर्म मंजूर क्यों नहीं किया जा रहा है।

अक्षय ने जो फॉर्म बी जमा किया, उसी को आधार
बनाया
मोतीसिंह ने मांग की है कि कांग्रेस का चुनाव चिन्ह उन्हें आवंटित किया जाएगा। अक्षय बम के नामांकन वापस लेने के बाद वे ही अधिकृत प्रत्याशी हैं। फॉर्म बी में कांग्रेस की ओर से बताया गया है कि यदि अप्रूव कैंडिडेट नामांकन वापस ले लेता है या उसका फॉर्म रिजेक्ट हो जाता है तो वैकल्पिक नाम को प्रत्याशी माना जाएगा। याचिका में इसी को आधार माना है।