MP: बसंल ग्रुप के दोनों डायरेक्टर को नहीं मिली जमानत

2Q==भोपाल। बसंल ग्रुप के दोनों डायरेक्टर अनिल बंसल और उनके बेटे कुणाल ने 20 लाख के रिश्वत मामले में जमानत के लिए हाईकोर्ट की शरण ली है। हाईकोर्ट जस्टिस विशाल घगट की एकलपीठ के समक्ष जमानत याचिका पर सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान सीबीआई के अधिवक्ता ने एकलपीठ को बताया कि उन्हें केस डायरी आज ही प्राप्त हुई है और सीबीआई के अधिवक्ता ने कोर्ट से 1 हफ्ते का समय देने का आग्रह किया। एकलपीठ ने आग्रह को स्वीकार करते हुए अगली सुनवाई 21 मार्च को निर्धारित की है।

सीबीआई ने रिश्वत के लेनदेन मामले में नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के जनरल मैनेजर, डीजीएम और भोपाल स्थित बंसल कंस्ट्रक्शन कंपनी के दो निदेशकों सहित कुल आठ लोगों को गिरफ्तार किया था। सीबीआई ने रिश्वत की रकम सहित कुल 1.10 करोड़ रुपए भी बरामद किए थे। सीबीआई के अनुसार, टेंडर लेने सहित सड़क निर्माण के लिए एनओसी और बिलों के लिए रिश्वत दी जा रही थी। सीबीआई ने इस मामले में बंसल ग्रुप के दो डायरेक्टर अनिल, कुणाल बंसल सहित अन्य कर्मचारियों को आरोपी बनाया था। साथ ही इस मामले में सीबीआई ने अन्य छह लोगों को भी गिरफ्तार किया था। इन पर आरोप है कि बंसल कंस्ट्रक्शन वर्क्स लिमिटेड के कर्मचारी सी कृष्णा और छत्तर सिंह लोधी आउटर रिंग रोड प्रोजेक्ट के लंबित बिलों के पेमेंट और प्रोजेक्ट कंपलीशन सर्टीफिकेट जारी करने के लिए एनएचएआई के अनिल काले, जनरल मैनेजर एंड प्रोजेक्ट डायरेक्टर, पीआईयू, नागपुर के संपर्क में थे। प्रोजेक्ट डायरेक्टर अरविंद काले को रिश्वत की रकम 25 लाख रुपए पहुंचानी थी।

इसमें से 20 लाख रुपए दोनों कर्मचारियों ने NHAI अफसरों की दी। सीबीआई ने रिश्वत की रकम की डिलीवरी के बाद दोनों को पकड़ लिया था।

Sanjay Saxena

BSc. बायोलॉजी और समाजशास्त्र से एमए, 1985 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय , मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के दैनिक अखबारों में रिपोर्टर और संपादक के रूप में कार्य कर रहे हैं। आरटीआई, पर्यावरण, आर्थिक सामाजिक, स्वास्थ्य, योग, जैसे विषयों पर लेखन। राजनीतिक समाचार और राजनीतिक विश्लेषण , समीक्षा, चुनाव विश्लेषण, पॉलिटिकल कंसल्टेंसी में विशेषज्ञता। समाज सेवा में रुचि। लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को समाचार के रूप प्रस्तुत करना। वर्तमान में डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से जुड़े। राजनीतिक सूचनाओं में रुचि और संदर्भ रखने के सतत प्रयास।

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