MP: भोपाल में लंबे समय बाद स्थानीय उम्मीदवारों के बीच होगा मुकाबला..

2Q==भोपाल। मध्य प्रदेश की भोपाल-सीहोर लोकसभा सीट पर चार दशक में दूसरा मौका है जब भाजपा और कांग्रेस ने एक साथ भोपाल के स्थानीय निवासी को टिकट दिया है। भाजपा ने मौजूदा सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर की टिकट काटकर आलोक शर्मा को चुनाव मैदान में उतारा है। वहीं कांग्रेस से अरुण श्रीवास्तव चुनावी समर में है। इस बार दोनों ही दलों के प्रत्याशी भोपाली हैं तो इसकी चर्चा भी शहर में खूब है।

महापौर रह चुके आलोक

आलोक शर्मा के दादा पंडित नंदकिशोर शर्मा का संगीत घराना था। आलोक महापौर भी रह चुके हैं। वहीं अरुण श्रीवास्तव की माता विमला श्रीवास्तव जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुकी हैं। लोगों का कहना है कि दोनों प्रत्याशियों के स्थानीय होने की वजह से मुकाबला कांटे का है।

अरुण की माताजी रह चुकी हैं जनपद और जिला पंचायत अध्यक्ष

कांग्रेस के प्रत्याशी अरुण श्रीवास्तव पार्टी की कई जिम्मेदारियां सम्हाल चुके हैं। उनके पिता भी कांग्रेसी थे। माता जी श्रीमती विमला श्रीवास्तव मम्मीजी के नाम से प्रसिद्ध थीं। वे भोपाल जिला और जनपद अध्यक्ष रहीं। ग्रामीण क्षेत्र में उनका खास दखल रहा है। पूरी कमान शुरू से अरुण श्रीवास्तव ने ही सम्हाली, इस कारण इनके पास अच्छा खासा ग्रामीण नेटवर्क है। कायस्थ समाज में भी उनकी अच्छी पैठ है। 

1985 में जीते थे केएन प्रधान

1984 में हुआ भोपाल गैस कांड कौन भूल सकता है। इस भीषण त्रासदी की वजह से भोपाल में लोकसभा चुनाव को टाल दिया गया था। जनवरी 1985 में भोपाल में लोकसभा चुनाव हुए थे। इस चुनाव में भाजपा से लक्ष्मीनारायण शर्मा और कांग्रेस से केएन प्रधान चुनावी मैदान में थे। खास बात यह है कि ये दोनों भोपाल के रहने वाले थे। हालांकि जीत केएन प्रधान को मिली थी।

2014 में स्थानीय उम्मीदवार पर खेला था दांव

इसके बाद 2014 में भाजपा ने आलोक संजर को टिकट दिया था। कांग्रेस से पीसी शर्मा ने चुनाव लड़ा। मगर बाजी आलोक संजर ने मारी। अब 10 साल बाद 2024 के चुनावी समर में कांग्रेस और भाजपा ने स्थानीय प्रत्याशी पर दांव खेला है। पिछले 25 साल में पांच चुनाव में तीन बाहरी नेता यहां से सांसद बन चुके हैं। 

कड़ा होगा चुनावी मुकाबला

भोपाल-सीहोर लोकसभा सीट पर कुल मतदाताओं की संख्या 23 लाख है। भोपाल बटुओं और पटिए के लिए प्रसिद्ध है। भोपाल की पटिए से राजनीति शुरू करने वाले राजनेता राष्ट्रपति तक बन चुके हैं। भोपाल की जनता को इस चुनाव में यह खुशी है कि दोनों ही प्रत्याशी भोपाली हैं। ऐसे में यहां चुनावी मुकाबला कड़ा होगा।

1984 केएन प्रधान कांग्रेस

1989 सुशील चंद्र वर्मा भाजपा

1991 सुशील चंद्र वर्मा भाजपा

1996 सुशील चंद्र वर्मा भाजपा

1998 सुशील चंद्र वर्मा भाजपा

1999 उमा भारती भाजपा

2004 कैलाश जोशी भाजपा

2009 कैलाश जोशी भाजपा

2014 आलोक संजर भाजपा

2019 प्रज्ञा सिंह ठाकुर भाजपा

Sanjay Saxena

BSc. बायोलॉजी और समाजशास्त्र से एमए, 1985 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय , मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के दैनिक अखबारों में रिपोर्टर और संपादक के रूप में कार्य कर रहे हैं। आरटीआई, पर्यावरण, आर्थिक सामाजिक, स्वास्थ्य, योग, जैसे विषयों पर लेखन। राजनीतिक समाचार और राजनीतिक विश्लेषण , समीक्षा, चुनाव विश्लेषण, पॉलिटिकल कंसल्टेंसी में विशेषज्ञता। समाज सेवा में रुचि। लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को समाचार के रूप प्रस्तुत करना। वर्तमान में डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से जुड़े। राजनीतिक सूचनाओं में रुचि और संदर्भ रखने के सतत प्रयास।

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