अबकी बार मोदी सरकार.. ठंडा मतलब कोका कोला..लिखने वाले पीयूष पांडे नहीं रहे

मुंबई। एड गुरु पद्मश्री पीयूष पांडे का गुरुवार को निधन हो गया। जानकारी आज सामने आई है। 70 साल की उम्र में मुंबई में उन्होंने अंतिम सांस ली। पीयूष ने अबकी बार मोदी सरकार नारा लिखा था। इसके अलावा, मिले सुर मेरा तुम्हारा गाना लिखा था। पीयूष पांडे की मौत के कारणों का पता नहीं चल पाया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक वे गंभीर संक्रमण से जूझ रहे थे। अंतिम संस्कार आज मुंबई में किया जाएगा।
पीएम नरेंद्र मोदी ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। पीएम ने एक्स पर लिखा, पीयूष पांडे क्रिएटिविटी के लिए जाने जाते थे। एडवर्टाइजिंग की दुनिया में उन्होंने शानदार योगदान दिया। मैं उनके साथ हुई बातचीत को सालों तक संजोकर रखूंगा। उनके दुनिया से जाने से बहुत दुखी हूं। उनके परिजन के साथ मेरी संवेदनाएं हैं। पीयूष 27 साल की उम्र में विज्ञापन जगत से जुड़ गए थे। उन्होंने शुरुआत अपने भाई प्रसून पांडे के साथ की। दोनों ने रोजमर्रा के उत्पादों के लिए रेडियो जिंगल्स की आवाज दी थी। 1982 में विज्ञापन कंपनी ओगिल्वी से की। 1994 में उन्हें ओगिल्वी के बोर्ड में नॉमिनेट किया गया। पीयूष को 2016 में भारत सरकार ने पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। इसके अलावा, 2024 में उन्हें एलआईए लीजेंड अवॉर्ड भी मिला।
भारतीयता की छाप
पीयूष पांडे की खासियत थी कि उन्होंने भारतीय उपभोक्ताओं की भावनाओं को बेहद सादगी से पकड़ा। फेविकोल का अटूट बंधन हो या कैडबरी का कुछ खास है, एशियन पेंट्स का हर खुशी में रंग लाए हो या हच का प्यारा गुगली वूगली वूस, हर विज्ञापन में उन्होंने देसी मिट्टी की खुशबू डाली। यही कारण है कि उनके कैंपेन सिर्फ विज्ञापन नहीं, बल्कि संस्कृति के प्रतीक बन गए।

Sanjay Saxena

BSc. बायोलॉजी और समाजशास्त्र से एमए, 1985 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय , मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के दैनिक अखबारों में रिपोर्टर और संपादक के रूप में कार्य कर रहे हैं। आरटीआई, पर्यावरण, आर्थिक सामाजिक, स्वास्थ्य, योग, जैसे विषयों पर लेखन। राजनीतिक समाचार और राजनीतिक विश्लेषण , समीक्षा, चुनाव विश्लेषण, पॉलिटिकल कंसल्टेंसी में विशेषज्ञता। समाज सेवा में रुचि। लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को समाचार के रूप प्रस्तुत करना। वर्तमान में डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से जुड़े। राजनीतिक सूचनाओं में रुचि और संदर्भ रखने के सतत प्रयास।

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