UPSC: OBC और दिव्यांग दोनों का मिलेगा लाभ? पूजा खेडकर पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा…

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) की पूर्व प्रशिक्षु अधिकारी पूजा खेडकर मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि उन्हें एक सामान्य उम्मीदवार और एक दिव्यांग उम्मीदवार के रूप में परीक्षा पास करने के लिए अलग-अलग मौके नहीं दिए जा सकते. कोर्ट की इस टिप्पणी से यह स्पष्ट है कि किसी भी उम्मीदवार को एक साथ दोनों कोटे का लाभ नहीं दिया जा सकता. बता दें कि पूजा खेडकर पर संघ लोक सेवा आयोग (UPSC)की सिविल सेवा परीक्षा में धोखाधड़ी करने और गलत तरीके से ओबीसी (OBC) और दिव्यांगता कोटे का लाभ लेने के आरोप लगे हैं.दिल्ली पुलिस ने पूजा खेडकर के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी किया था, जिसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई थी.कोर्ट ने इससे पहले 15 जनवरी को पूजा खेडकर की गिरफ्तारी पर 15 अप्रैल तक रोक लगा दी.
पूजा को कैसे मिले अधिक मौके?
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान एएसजी ने कहा कि पूजा खेडकर को UPSC परीक्षा उत्तीर्ण करने के लिए नौ अवसर दिए गए थे, लेकिन उन्होंने फर्जी दिव्यांगता प्रमाण पत्र के सहारे परीक्षा के लिए अतिरिक्त अवसर का लाभ लिया. कोर्ट को बताया गया कि पूजा खेडकर 2012 से UPSC सिविल सर्विसेज की परीक्षा दे रही थीं. बाद में अतिरिक्त मौके पाने के लिए उन्होंने फर्जी दिव्यांगता प्रमाण पत्र बनवाया और उसके आधार पर निर्धारित मानक से अधिक बार यूपीएससी की परीक्षा दी.पूजा खेडकर पर 2022 की UPSC सिविल सेवा परीक्षा के लिए आवेदन पत्र में गलत जानकारी देकर आरक्षण का लाभ लेने के आरोप है.
पूजा के वकील ने आरोपों को नकारा
पूजा खेडकर के वकील ने कोर्ट में इन सभी आरोपों को खारिज किया है. खेडकर की वकील ने कहा कि पूजा खेडकर ने कोई धोखाधड़ी नहीं की. वकील ने कहा कि पूजा को 2018 में दिव्यांगता प्रमाण पत्र मिला था और एक दिव्यांग उम्मीदवार के रूप में UPSC परीक्षा पास करने के मौके खत्म नहीं हुए थे.खेडकर की वकील बीना माधवन ने कहा कि दिव्यांगता प्रमाण पत्र के लिए पूजा खेडकर को एम्स (AIIMS) के मेडिकल बोर्ड के समक्ष उपस्थित होना पड़ा था, जिसके बाद उनकी दिव्यांगता की पुष्टि की गई थी. उन्होंने कोर्ट में यह भी कहा कि पूजा खेडकर अपने दावे की पुष्टि के लिए पर्याप्त सबूत पेश कर सकती हैं.
15 अप्रैल को होगी सुनवाई
दिल्ली सरकार के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) एस वी राजू ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि न केवल पूजा खेडकर का दिव्यांगता प्रमाण पत्र फर्जी है, बल्कि उन्होंने UPSC फॉर्म में कई गलत और भ्रामक जानकारियां दी हैं. उन्होंने न्यायालय से मामले की सुनवाई के लिए जल्द से जल्द तारीख देने की मांग की.पीठ ने कहा कि अब इस मामले की अगली सुनवाई 15 अप्रैल को होगी।