नई दिल्ली। नीट पीजी 2025 की तैयारी कर रहे मेडिकल अभ्यर्थियों के लिए सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला सामने आया है। कोर्ट ने परीक्षा आयोजकों को निर्देश दिया है कि नीट पीजी 2025 परीक्षा केवल एक ही शिफ्ट में आयोजित की जाए, ताकि पारदर्शिता बनी रहे और सभी उम्मीदवारों को समान अवसर मिल सके।
सुप्रीम कोर्ट ने साफ शब्दों में कहा कि दो शिफ्ट में परीक्षा आयोजित करने से सवालों की कठिनाई के स्तर में अंतर आ सकता है, जिससे “असमानता और मनमानी की स्थिति पैदा होती है।” कोर्ट ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा कि “किसी भी दो प्रश्नपत्रों के कठिनाई स्तर को कभी भी पूरी तरह समान नहीं कहा जा सकता।” यही कारण है कि एक समान मानदंड सुनिश्चित करने के लिए परीक्षा को एक ही शिफ्ट में कराना आवश्यक है।
पारदर्शिता पर जोर
न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने परीक्षा प्राधिकरणों को स्पष्ट निर्देश दिया है कि परीक्षा की निष्पक्षता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं की जाएं। कोर्ट ने यह भी कहा कि छात्रों की मेहनत और भविष्य के साथ किसी भी प्रकार की असमानता या अन्याय नहीं होना चाहिए। इस फैसले को लेकर छात्र और अभिभावक वर्ग में संतोष की भावना है। कई छात्रों का कहना है कि अब उन्हें यह डर नहीं रहेगा कि दूसरे शिफ्ट में आने वाले प्रश्न आसान या कठिन होंगे। इससे सभी को एक समान अवसर मिलेगा।
15 जून को होगी नीट पीजी परीक्षा
नीट पीजी 2025 परीक्षा का आयोजन 15 जून को सीबीटी मोड में किया जाएगा। पहले परीक्षा दो पालियों में आयोजित करने का शेड्यूल जारी किया गया था। लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद संसोधित परीक्षा कार्यक्रम जारी किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन को निर्देश दिया कि वह नीट पीजी 2025 की परीक्षा का आयोजन दो शिफ्ट में न करें, बल्कि एक शिफ्ट में सुनिश्चित करें। कोर्ट ने कहा कि 15 जून को होने वाली परीक्षा के लिए आवश्यक व्यवस्था करने के लिए अभी भी समय बचा है।