Supreme Court: : पतंजलि केस में IMA को भी ‘सुप्रीम’ फटकार, कहा- आपके डॉक्टर भी गैरजरूरी और महंगी दवाएं लिखते हैं
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को बाबा रामदेव से पतंजलि के भ्रामक विज्ञापन से जुड़े अवमानना के मामले की सुनवाई करते हुए इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) को फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा कि वह पतंजलि पर अंगुली उठा रहा है, जबकि चार अंगुलियां आप पर भी उठ रही हैं। कोर्ट ने कहा कि एलोपैथी के डॉक्टर भी मंहगी और गैरजरूरी दवाओं का प्रचार करते हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आईएमए को अपनी तरफ भी देखना चाहिए। एलोपैथी के डॉक्टर लोगों को गैरजरूरी और काफी महंगी दवाएं लिखते हैं। कोर्ट ने आगे कहा कि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की तरफ से भी अनैतिक तौर तरीके अपनाए जाने की शिकायत मिल रही है। इतना ही नहीं, इस दौरान कोर्ट ने पतंजलि आयुर्वेद के अलावा दूसरी एफएमसीजी कंपनियों का भी जिक्र किया और कहा कि वे भी अपने प्रोडक्ट्स के बारे में गलत दावे करती हैं।
कोर्ट ने केंद्र सरकार से भी किए सवाल
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि ऐसे भी कई सारे उत्पादों के विज्ञापन देखने को मिलते हैं, जिनके इस्तेमाल से ना केवल छोटे बच्चों पर बल्कि स्कूल जाने वाले बच्चों और वरिष्ठ नागरिको तक पर बुरा प्रभाव होता है। कोर्ट ने कहा कि इस मामले में तो सभी राज्यों की लाइसेंसिग अथॉरिटीज को भी पार्टी बनाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार को भी तलब कर लिया और कहा कि अब तक आपने बीते तीन सालों में कितने भ्रामक विज्ञापन पर कार्रवाई की है।वहीं, आईएमए की ओर से पेश वरिष्ठ वकील पटवालिया ने कहा कि एसोसिएशन इस पर गौर करेगा, जिस पर जस्टिस कोहली ने देते हुए कहा कि हम मामले को हल्के में नहीं ले सकते। इसमें छोटे बच्चे भी शामिल हैं।
लोगों के अधिकारों की रक्षा करना हमारा फर्ज: कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम यहां पक्षपातपूर्ण होने के लिए नहीं हैं। न ही वह किसी पार्टी का पक्ष लेने के लिए बैठे हैं। हम जनता के व्यापक हित में निर्णय लेते हैं। लोगों को गुमराह नहीं होना चाहिए। लोगों को समझना चाहिए कि सच क्या है। यह उनका अधिकार है और उस अधिकार की रक्षा करना हमारा कर्तव्य और हमारी जिम्मेदारी है। सुप्रीम कोर्ट ने IMA से यह भी कहा कि हम इस जिम्मेदारी को ठीक से निभाते हैं।