भोपाल। केंद्रीय आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय के तत्वावधान में शनिवार को शहरी विकास मंत्रियों की क्षेत्रीय बैठक (उत्तरी एवं मध्य राज्यों) कुशाभाऊ ठाकरे कन्वेंशन सेंटर में आयोजित की गई। इसमें नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि राज्यों के बजट की स्थिति बेहद खराब हो गई है। चुनावी और राजनीतिक मजबूरियों के चलते कई घोषणाएं कर दी गईं, जिसका सीधा असर राज्य सरकारों की वित्तीय स्थिति पर पड़ा है। उन्होंने कहा कि इसी वजह से आज राज्य सरकारों को केंद्र की ओर अधिक देखना पड़ता है।
विजयवर्गीय ने कहा कि वर्तमान समय की सबसे बड़ी आवश्यकता यह है कि शहर स्वयं ड्राइविंग सीट पर बैठकर अपने आसपास के क्षेत्रों के विकास की जिम्मेदारी लें। उन्होंने कहा कि राज्य सरकारें आत्मनिर्भर बनने की दिशा में काम कर रही हैं, लेकिन चुनाव के दौरान किए गए कमिटमेंट्स के कारण राजनीतिक दबाव बढ़ गया है।
उन्होंने कहा कि इसी कारण केंद्र से जितनी बजटीय सहायता की अपेक्षा रहती है, वह पूरी नहीं हो पाती। मध्यप्रदेश का उदाहरण देते हुए विजयवर्गीय ने कहा कि अमृत योजना और प्रधानमंत्री आवास योजना में केंद्र से और अधिक सहयोग की आवश्यकता है।
आय का अंतर कम किए बिना आत्मनिर्भर भारत संभव नहीं : मनोहर लाल
केंद्रीय आवास एवं शहरी कार्य मंत्री मनोहर लाल ने कहा कि देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए आय के अंतर को कम करना बेहद जरूरी है और यह काम केंद्र व राज्य सरकारों के सहयोग से ही संभव है। उन्होंने कहा कि प्रदेशों को स्वयं को मजबूत करना होगा।
मनोहर लाल ने कहा कि अनुमान है कि देश का करीब 40 प्रतिशत क्षेत्र शहरी हो चुका है, लेकिन वास्तविक स्थिति जनगणना 2026 के बाद ही सामने आएगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि कॉलोनाइजेशन और भूमि प्रबंधन राज्य सरकारों का विषय है, जबकि केंद्र सरकार की भूमिका सहयोगी की है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2047 तक विकसित और आत्मनिर्भर भारत का संकल्प तय किया है। विकसित भारत का अर्थ है लोगों की बुनियादी आवश्यकताओं की पूर्ति है। आत्मनिर्भरता तभी आएगी जब आय में असमानता कम होगी।
केंद्र का बजट सीमित, राज्यों को समय पर खर्च करना होगा
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार का बजट सीमित होता है। कुछ राज्यों में आवंटित राशि का पूरा उपयोग नहीं हो पाता। ऐसे मामलों में जब अन्य राज्यों से मांग आती है, तो शेष बची राशि का वितरण किया जाता है।
इन राज्यों के मंत्री और अधिकारी रहे शामिल
इस क्षेत्रीय बैठक में छत्तीसगढ़, दिल्ली, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के शहरी विकास मंत्री, राज्यमंत्री, भारत सरकार और विभिन्न राज्यों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। बैठक के दौरान स्वच्छ सर्वेक्षण 2025-26 के लिए कार्य-दिशा पुस्तिका का विमोचन भी किया गया, जो स्वच्छता, स्थायित्व और नागरिक-केंद्रित शहरी प्रशासन को मजबूत बनाने में मदद करेगी।
पांच सत्रों में शहरी विकास के अहम मुद्दों पर चर्चा
बैठक के दौरान पांच सत्रों में शहरी विकास से जुड़े प्रमुख विषयों पर विस्तार से चर्चा की गई।
अमृत योजना के तहत संचालित व प्रस्तावित कार्यों की प्रगति, गुणवत्ता और समयबद्धता
स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत डंप साइट्स का वैज्ञानिक प्रबंधन और ठोस अपशिष्ट निपटान
प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) में निर्माणाधीन व स्वीकृत आवासों की प्रगति
अंगीकार अभियान की उपलब्धियां, चुनौतियां और जनभागीदारी
शहरी परिवहन व्यवस्था-नगर बस सेवा, भूमिगत रेल प्रणाली और पैदल मार्गों की समीक्षा
