Pandit Pradeep Mishra : कथावाचक प्रदीप मिश्रा ने कहा हिंदू सांसदों  को घाटी को सौंप दो

आतंकी हमले के बाद हर एक वर्ग से प्रतिक्रिया आ रही है। धार्मिक गुरु और प्रसिद्ध कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने इस हमले को लेकर अपना आक्रोश व्यक्त किया है। मधेपुरा, बिहार में एक कथा के दौरान पंडित प्रदीप मिश्रा ने इस घटना पर अपना गुस्सा जाहिर करते हुए कहा कि 200 हिंदू सांसद कलंक हैं, इन सभी को कश्मीर घाटी को सौंप दो। उन्होंने आगे कहा कि पहलगाम में हुए हमले ने इस बात को उजागर किया है कि आतंकवादी हिंदू पहचान को लेकर कितने उत्पीड़क हो गए हैं। वह मानते हैं कि जो आतंकवादी यह पूछ रहे हैं कि हिंदू है, तो उसे गोली मारी जानी चाहिए, यह पूरी तरह से निंदनीय है।
पंडित मिश्रा ने अपनी बातों में बंगाल का भी जिक्र किया और कहा कि “वहां भी हिंदू को घर से निकाल कर गोली मारी जा रही है।” उन्होंने संसद भवन में बैठी विपक्षी हिंदू सांसदों पर भी निशाना साधते हुए कहा कि ये लोग हिंदू धर्म के नाम पर कलंक हैं।
कश्मीर घाटी को सौंप देना चाहिए इन सांसदों को
पंडित प्रदीप मिश्रा का यह बयान अत्यधिक तीव्र और विवादास्पद था। उन्होंने कहा, “इन हिंदू सांसदों को लेकर कश्मीर घाटी को सौंप देना चाहिए ताकि वे वहां जाकर वहां की वास्तविकता को समझ सकें।” उनका यह बयान यह दर्शाता है कि उनका गुस्सा सिर्फ आतंकी हमले तक ही सीमित नहीं था, बल्कि वह इस पर भी नाराज थे कि भारतीय संसद में कुछ हिंदू सांसद आतंकवाद के खिलाफ कठोर कदम उठाने की बजाय अपने हितों को देखते हैं।
हिंदू समाज को सशक्त बनाना जरूरी है
पंडित प्रदीप मिश्रा ने हिंदू समाज को एक कड़ा संदेश दिया और कहा कि “हिंदू के घर में शास्त्र हो या न हो, लेकिन शस्त्र जरूर होना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि हर हिंदू को शस्त्र चलाना आना चाहिए। हमारे सनातन धर्म का कोई भी देवता बिना शस्त्र के नहीं है, इसलिए हमें भी अपने घरों में शस्त्र रखने चाहिए और अपने बेटों-बेटियों को शस्त्र चलाना सिखाना चाहिए।

Sanjay Saxena

BSc. बायोलॉजी और समाजशास्त्र से एमए, 1985 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय , मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के दैनिक अखबारों में रिपोर्टर और संपादक के रूप में कार्य कर रहे हैं। आरटीआई, पर्यावरण, आर्थिक सामाजिक, स्वास्थ्य, योग, जैसे विषयों पर लेखन। राजनीतिक समाचार और राजनीतिक विश्लेषण , समीक्षा, चुनाव विश्लेषण, पॉलिटिकल कंसल्टेंसी में विशेषज्ञता। समाज सेवा में रुचि। लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को समाचार के रूप प्रस्तुत करना। वर्तमान में डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से जुड़े। राजनीतिक सूचनाओं में रुचि और संदर्भ रखने के सतत प्रयास।

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