अहमदाबाद। गुजरात राज्य में यूं तो 33 कलेक्टर हैं लेकिन पहली बार कलेक्टर बनीं आईएएस अर्पित सागर एक कड़े एक्शन से सुर्खियों में आ गई है। मूलरूप से उत्तर प्रदेश से आने वाली अर्पित सागर ने राष्ट्रीय राजमार्ग (NH47) अहमदाबाद-गोधरा पर गड्ढों के लिए एनएचएआई (NHAI) के अधिकारी पर जुर्माना लगाया है। अर्पित सागर अभी महिसागर जिले की कलेक्टर हैं। उन्होंने यह कार्रवाई महीसागर रोड सेफ्टी कमिटी के तहत की है। हाईवे पर गड्ढे होने के कारण उन्होंने 18 जून से लेकर 7 जुलाई तक के लिए प्रत्येक दिन के लिए 500 रुपये जुर्माना लगाया है।
वह ऐसी कार्रवाई करने वाली राज्य की पहली आईएएस हैं। गौरतलब हो कि अर्पित सागर की यह कार्रवाई ऐसे वक्त पर सामने आई है जब केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के आधीन आने वाले सड़क एवं परिवहन मंत्रालय ने पिछले दिनों जामनगर-अमृतसर हाइवे पर टूटी सड़क के लिए पालनपुर के पीडी को सस्पेंड किया गया था। इसे बनाने वाली कंपनी पर जुर्माना भी लगा था। कलेक्टर अर्पित सागर ने कहा है कि जब तक गड्ढे नहीं भरे जाएंगे तब तक जुर्माना बढ़ता रहेगा। ऐसा कहा जा रहा है इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ जब कलेक्टर ने एनएचएआई के परियोजना निदेशक पर दंड लगाया है। दिसंबर, 2024 में अर्पित सागर को सर्वश्रेष्ठ जिला विकास अधिकारी (DDO) का पुरस्कार मिला था। तब आईएएस शालिनी अग्रवाल को सर्वश्रेष्ठ कलेक्टर चुना गया था।
कौन हैं अर्पित सागर?
महीसागर जिले के कलेक्टर बनने से पहले अर्पित सागर वडोदरा में तैनात थीं। वह वडोदरा नगर निगम में डिप्टी कमिश्नर थीं। उन्हें महीसागर जिले में नेहा कुमारी की जगह पर तैनाती दी गई थी। 2015 में यूपीएसपी की परीक्षा पास करके आईएएस बनी अर्पित सागर पूर्व वलसाड की डीडीओ भी रह चुकी हैं। अर्पित सागर की शादी छत्तीसगढ़ में रहने वाले विपुल तिवारी से हुई है। अर्पित सागर मूलरूप से उत्तर प्रदेश के बरेली की रहने वाली हैं। अर्पित सागर ने प्रयागराज (पहले इलाहाबाद) NIT से बी टेक की पढ़ाई की है। इसके बाद उन्होंने यूपीएसपी की परीक्षा पास की।
पांच बहनों में तीन अफसर
अर्पित सागर के पिता का नाम चंद्रसेन और मां का नाम मीना देवी है। उनके पांच बेटियां हैं। सबसे बड़ी बेटी का नाम अर्जित सागर है। वे आईआरएस अधिकारी हैं। अर्पित सागर आईएएस और आकृति सागर भी आईएएस हैं। अंशिका और अंकिता ग्राफिक्स इंजीनियर हैं। अर्पित सागर के पिता चंद्रसेन ने एक इंटरव्यू में कहा था कि मैं खुशनसीब हूं कि जिसकी पांचों बेटियों ने अच्छा मुकाम हासिल की है। सागर का परिवार आईएएस बेटियों के लिए जाना जाता है।