Next CJI : जस्टिस बी आर गवई ने कहा- न्यायपालिका की संस्था के लिए नेतृत्व और दीर्घकालिक दृष्टि प्रदान करने का प्रयास करेंगे

नई दिल्ली। ऐसे समय में जब हाई कोर्ट के जजों के खिलाफ सोशल मीडिया में तीखी अफवाहें और अटकलें जोरों पर हैं, मनोनीत चीफ जस्टिस बी आर गवई ने वादा किया कि अगले चीफ जस्टिस के रूप में वह न्यायपालिका की संस्था के लिए नेतृत्व और दीर्घकालिक दृष्टि प्रदान करने का प्रयास करेंगे।

52वें सीजेआई के रूप में शपथ लेने से एक सप्ताह पहले, सीजेआई गवई ने पूर्व सीजेआई एन वी रमना को उद्धृत करते हुए कहा, ‘सीजेआई की भूमिका संस्था के लिए नेतृत्व और दीर्घकालिक दृष्टि की मांग करती है। सीजेआई के कर्तव्य केवल सुप्रीम कोर्ट तक सीमित नहीं हैं, बल्कि पूरे देश में संपूर्ण न्यायिक प्रणाली तक फैले हुए हैं। मैं जस्टिस रमना को आश्वस्त करता हूं कि मैं सीजेआई के रूप में उनके ज्ञान और मार्गदर्शन के शब्दों का पालन करूंगा।

सीजेआई-पदनामित जस्टिस गवई ने पूर्व सीजेआई जस्टिस रमना की पुस्तक ‘नैरेटिव्स ऑफ द बेंच: ए जज स्पीक्स’ के विमोचन के अवसर पर बुधवार को बोल रहे थे। जस्टिस सूर्यकांत और वीरम नाथ ने जस्टिस रमना की तरफ से न्यायपालिका और जजों के संरक्षण के बारे में भी बात की, जो 24 अप्रैल, 2021 से 26 अगस्त, 2022 तक सीजेआई थे।

तो राजनीतिक मदद लेने की संभावना कम
सोशल मीडिया पर अफवाहों और अटकलों का सामना कर रहे हाईकोर्ट के जजों की भावनाओं को शांत करने के लिए, जस्टिस रमना ने कहा कि सीजेआई और सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों का नैतिक और संस्थागत कर्तव्य है कि वे सभी जजों की देखभाल करें। जिस तरह से बुजुर्ग मार्गदर्शन, सुरक्षा और प्रोत्साहन देते हैं, उसी तरह सुप्रीम कोर्ट को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि जज अपनी भूमिकाओं में समर्थित और सुरक्षित महसूस करें।
उन्होंने कहा कि जब न्यायपालिका के सभी सदस्यों को यह आश्वासन मिल जाता है कि सर्वोच्च न्यायिक संस्था उनके अधिकारों की रक्षा करने और उनकी शिकायतों के निवारण के लिए दृढ़ है, तो उनके राजनीतिक तथा कार्यकारी शक्तियों जैसे अन्य स्रोतों से संरक्षण, सहायता लेने की संभावना कम हो जाती है।

Sanjay Saxena

BSc. बायोलॉजी और समाजशास्त्र से एमए, 1985 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय , मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के दैनिक अखबारों में रिपोर्टर और संपादक के रूप में कार्य कर रहे हैं। आरटीआई, पर्यावरण, आर्थिक सामाजिक, स्वास्थ्य, योग, जैसे विषयों पर लेखन। राजनीतिक समाचार और राजनीतिक विश्लेषण , समीक्षा, चुनाव विश्लेषण, पॉलिटिकल कंसल्टेंसी में विशेषज्ञता। समाज सेवा में रुचि। लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को समाचार के रूप प्रस्तुत करना। वर्तमान में डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से जुड़े। राजनीतिक सूचनाओं में रुचि और संदर्भ रखने के सतत प्रयास।

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