Loksabha: 44 प्रतिशत दागी और 25 अरबपति, महिला प्रतिनिधित्व सिर्फ 15 फीसदी… ADR के अनुसार ऐसा है मौजूदा लोकसभा का हाल

नई दिल्ली। चुनावी सरगर्मियों के बीच एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने मौजूदा लोकसभा सांसदों से जुड़ी एक रिपोर्ट प्रकाशित की है। इस रिपोर्ट के मुताबिक, 44% वर्तमान सांसदों कि खिलाफ आपराधिक मामले, जबकि 29% के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। वहीं वर्तमान में 25 अरबपति सांसद भी हैं।

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एडीआर ने लोकसभा 2019 के 543 में से 514 वर्तमान सांसदों के शपथपत्रों पर एक रिपोर्ट तैयार की है। अकबरपुर लोकसभा सीट से भाजपा सांसद देवेन्द्र सिंह का शपथपत्र उपलब्ध न होने के कारण उनका विश्लेषण रिपोर्ट में नहीं है और 28 सीटें रिक्त हैं। यह रिपोर्ट 2019 के लोकसभा चुनावों और उसके बाद हुए उपचुनावों में उम्मीदवारों द्वारा दाखिल किए गए हलफनामों पर आधारित है।
44 प्रतिशत सांसद दागी
514 में से 225 (44 प्रतिशत) वर्तमान सांसदों ने अपने ऊपर आपराधिक मामले घोषित किये हैं। वहीं 149 (29 प्रतिशत) वर्तमान सांसदों ने अपने ऊपर गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए हैं। इनमें हत्या, हत्या का प्रयास, सांप्रदायिक हिंसा, अपहरण, महिलाओं के ऊपर अत्याचार इत्यादि से जुड़े अपराध शामिल हैं।

9 वर्तमान सांसदों ने अपने ऊपर हत्या से जुड़े मामले घोषित किए हैं। इनमें से भाजपा के 5 वर्तमान सांसद जबकि कांग्रेस, बसपा, वाईएसआर कांग्रेस और निर्दलीय से एक-एक सांसद है। 28 सांसदों ने अपने ऊपर हत्या का प्रयास से जुड़े मामले घोषित किए हैं। इनमें से भाजपा से 21 सांसद जबकि कांग्रेस, टीएमसी, बसपा, एनसीपी (शरद गुट), वाईएसआर कांग्रेस, राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी और वीसीके से एक-एक सांसद है। 16 वर्तमान सांसदों ने महिलाओं के ऊपर अत्याचार से जुड़े मामले घोषित किए हैं। इन 16 में से 3 वर्तमान सांसदों ने अपने ऊपर दुष्कर्म (आईपीसी-376) से जुड़े मामले घोषित किए हैं।

भाजपा के सबसे ज्यादा 294 में से 118 (40 प्रतिशत) वर्तमान सांसदों ने अपने ऊपर आपराधिक मामले घोषित किए हैं। इसके बाद कांग्रेस के 46 में से 26 (57 प्रतिशत), डीएमके के 24 में से 11 (46 प्रतिशत), टीएमसी के 19 में से 8 (42 प्रतिशत), जदयू के 16 में से 12 (75 प्रतिशत) और वाईएसआर कांग्रेस के 17 में से 8 (47 प्रतिशत) सांसद हैं।

गंभीर आपराधिक मामलों वाले वर्तमान सांसद भी सबसे ज्यादा भाजपा के 294 में से 87 (30 प्रतिशत) हैं। इसके बाद कांग्रेस के 46 में से 14 (30 प्रतिशत), डीएमके के 24 में से 7 (29 प्रतिशत), टीएमसी के 19 में से 4 (21 प्रतिशत), जदयू के 16 में से 8 (50 प्रतिशत) और वाईएसआर कांग्रेस के 17 में से 7 (41 प्रतिशत) सांसदों ने अपने ऊपर गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए हैं।

25 सांसद अरबपति
514 में से 25 (5 प्रतिशत) वर्तमान सांसदों ने 100 करोड़ से अधिक की संपत्ति घोषित की है। सबसे ज्यादा भाजपा के 294 में से 9 अरबपति सांसद हैं। इसके बाद कांग्रेस, वाईएसआर, बीआरएस, शिरोमणि अकाली दल के दो-दो सांसद हैं। वहीं डीएमके, टीएमसी, शिवसेना, टीडीपी, बीजेडी, बसपा, एनसीपी (शरद गुट) और निर्दलीय से एक-एक सांसद अरबपति हैं। इन सांसदों की घोषित संपत्ति 100 करोड़ से ज्यादा है।

नकुलनाथ सबसे अमीर सांसद
छिंदवाड़ा से कांग्रेस के नकुलनाथ सबसे ज्यादा संपत्ति घोषित करने वाले सांसद हैं। नकुल ने 660 करोड़ की संपत्ति बताई है। दूसरे नंबर पर कर्नाटक की बैंगलोर ग्रामीण सीट से कांग्रेस के डी.के. सुरेश हैं। सुरेश ने 338 करोड़ की संपत्ति बताई है। तीसरे स्थान पर आंध्र प्रदेश के नरसापुरम से निर्दलीय सांसद कनुमुरु रघु राम कृष्ण राजू हैं, जिनकी संपत्ति 325 करोड़ है।

15 प्रतिशत महिला सांसद

514 में से 75 (15 प्रतिशत) महिला वर्तमान सांसद है, जबकि 439 (85 प्रतिशत) पुरुष वर्तमान सांसद हैं।
122 (24 प्रतिशत) वर्तमान सांसदों ने अपनी शैक्षिक योग्यता 5वीं और 12वीं के बीच घोषित की है। 375 (73 प्रतिशत) वर्तमान सांसदों ने अपनी शैक्षिक योग्यता स्नातक और इससे ज्यादा बताई है। एक सांसद ने अपनी शैक्षिक योग्यता साक्षर, एक सांसद ने अपनी शैक्षिक योग्यता असाक्षर और 15 सांसदों ने अपनी शैक्षिक योग्यता डिप्लोमा धारक घोषित की हैं।

189 (37 प्रतिशत) वर्तमान सांसदों ने अपनी आयु 25 से 50 वर्ष के बीच घोषित की है। 325 (63 प्रतिशत) वर्तमान सांसदों ने अपनी आयु 51 से 85 वर्ष के बीच बताई है।

Sanjay Saxena

BSc. बायोलॉजी और समाजशास्त्र से एमए, 1985 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय , मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के दैनिक अखबारों में रिपोर्टर और संपादक के रूप में कार्य कर रहे हैं। आरटीआई, पर्यावरण, आर्थिक सामाजिक, स्वास्थ्य, योग, जैसे विषयों पर लेखन। राजनीतिक समाचार और राजनीतिक विश्लेषण , समीक्षा, चुनाव विश्लेषण, पॉलिटिकल कंसल्टेंसी में विशेषज्ञता। समाज सेवा में रुचि। लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को समाचार के रूप प्रस्तुत करना। वर्तमान में डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से जुड़े। राजनीतिक सूचनाओं में रुचि और संदर्भ रखने के सतत प्रयास।

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