Justice B V Nagarathna का सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम का हिस्सा बनना तय, जानिए कब बनेंगी देश की पहली महिला CJI..?

नई दिल्ली। देश की पहली महिला चीफ जस्टिस बनने की कतार में शामिल जस्टिस बीवी नागरत्ना का सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम का सदस्य बनना तय है। जस्टिस अभय एस ओका के रिटायर होने के बाद लगभग यह साफ हो चुका है।
नागरत्ना अब 5वीं सबसे वरिष्ठ जज होने के नाते 25 मई को आधिकारिक रूप से कॉलेजियम का हिस्सा बन जाएंगी। और 29 अक्टूबर, 2027 को देश की चीफ जस्टिस के रूप में सेवानिवृत्त होने तक इसका हिस्सा रहेंगी। कॉलेजियम में अब सीजेआई भूषण रामकृष्ण गवई, जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस जेके माहेश्वरी और जस्टिस नागरत्ना शामिल होंगे।
सुप्रीम कोर्ट के सूत्रों के अनुसार, सीजेआई गवई सोमवार को शीर्ष न्यायालय में रिक्तियों को संबोधित करने और कई उच्च न्यायालयों में महत्वपूर्ण नियुक्तियां करने के लिए अपनी पहली कॉलेजियम बैठक बुला सकते हैं। जस्टिस ओका की सेवानिवृत्ति के बाद शीर्ष अदालत में तीन न्यायाधीशों का पद रिक्त हो जाएगा।
कॉलेजियम प्रणाली के तहत, जो सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले के बाद 1993 में अस्तित्व में आई, सुप्रीम कोर्ट के पांच शीर्ष न्यायाधीश और 25 उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों की नियुक्ति, स्थानांतरण और पदोन्नति की सिफारिश करते हैं।
इस व्यवस्था के तहत सरकार कॉलेजियम को सिफारिश लौटा सकती है। कॉलेजियम द्वारा दोबारा सिफारिश दोहराए जाने पर सरकार आमतौर पर सिफारिश स्वीकार कर लेती है। लेकिन ऐसे मामले भी आए हैं जब सरकार ने फाइल को फिर से लौटा दिया है या सिफारिशों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
30 अक्टूबर 1962 को जन्मी जस्टिस नागरत्ना पूर्व मुख्य न्यायाधीश ई.एस. वेंकटरमैया की पुत्री हैं। उन्होंने 28 अक्टूबर 1987 को बेंगलुरु में एक वकील के रूप में पंजीकरण कराया और संविधान, वाणिज्य, बीमा और सेवा से संबंधित क्षेत्रों में प्रैक्टिस की।
18 फरवरी, 2008 को उन्हें कर्नाटक हाई कोर्ट का अतिरिक्त न्यायाधीश नियुक्त किया गया तथा 17 फरवरी, 2010 को वे स्थायी न्यायाधीश बनीं। सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में उनका कार्यकाल 29 अक्टूबर, 2027 तक रहेगा और 23 सितंबर, 2027 के बाद पहली महिला मुख्य न्यायाधीश के रूप में उनका कार्यकाल एक महीने से अधिक का हो सकता है।