Court: राणा कपूर को चार साल जेल में रखना गलत था…’, जमानत देने से पहले अदालत ने CBI को सुनाई खरी-खरी

मुंबई। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) पर कड़ा टिप्पणी करते हुए मुंबई की एक विशेष अदालत ने कहा कि जिस तरह से केंद्रीय एजेंसी ने कर्ज देने का पूरा दोष राणा कपूर पर डाल दिया, उन्हें गिरफ्तार किया और चार साल तक जेल में रखा, वह सही नहीं था. अदालत ने कहा कि सबूतों के देखकर पहली नजर में संकेत मिलता है कि “यस बैंक को इतना बड़ा नुकसान नहीं हुआ, जैसा कि सीबीआई के आरोप पत्र में बताया गया है.”

अदालत ने यह भी माना कि कपूर के खिलाफ सीबीआई के आरोप में कोई दम नहीं है. कपूर के कहने पर मार्च 2016 में अवंता रियलिटी लिमिटेड (एआरएल) को 400 करोड़ रुपये का ऋण गलत तरीके से स्वीकृत किया गया था, जो यस बैंक लिमिटेड (YBL) प्रबंधन क्रेडिट समिति के चेयरमैन के रूप में Final Approving Authority थे।

क्या थे CBI के आरोप?
सीबीआई ने आरोप लगाया था कि राणा कपूर ने दिल्ली की एक प्राइम लोकेशन प्रॉपर्टी की मार्केट वैल्यू से बहुत कम कीमत पर के आधार पर अवैध तरीके से लोन सेंन्क्शन किया.  गौतम थापर की अवंता रियल्टी लिमिटेड (एआरएल) से संबंधित ये प्रॉपर्टी कंपनी द्वारा यस बैंक से लिए गए लोन के लिए पहले ही गिरवी रखी गई थी. इसे 2017 में राणा कपूर की पत्नी बिंदू कपूर द्वारा संचालित ब्लिस एबोड प्राइवेट लिमिटेड (बीएपीएल) द्वारा 685 करोड़ रुपये के कथित बाजार मूल्य के मुकाबले 378 करोड़ रुपये में खरीदा गया था।

Sanjay Saxena

BSc. बायोलॉजी और समाजशास्त्र से एमए, 1985 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय , मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के दैनिक अखबारों में रिपोर्टर और संपादक के रूप में कार्य कर रहे हैं। आरटीआई, पर्यावरण, आर्थिक सामाजिक, स्वास्थ्य, योग, जैसे विषयों पर लेखन। राजनीतिक समाचार और राजनीतिक विश्लेषण , समीक्षा, चुनाव विश्लेषण, पॉलिटिकल कंसल्टेंसी में विशेषज्ञता। समाज सेवा में रुचि। लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को समाचार के रूप प्रस्तुत करना। वर्तमान में डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से जुड़े। राजनीतिक सूचनाओं में रुचि और संदर्भ रखने के सतत प्रयास।

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