NHAI पर भड़क गए हाई कोर्ट के जज, मेरे चार चालान कट गए लेकिन कोई टॉइलट नहीं मिला..

तिरुवनन्तपुरम। केरल हाई कोर्ट ने नेशनल हाइवेज अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) को जमकर लताड़ लगाई है। हाई कोर्ट ने कहा कि NHAI हाइवे पर पब्लिक टॉइलेट की देखरेख करने में भी सक्षम नहीं है। जस्टिस अमित रावल और पीवी बालाकृष्णन की एक डिवीजन बेंच ने पेट्रोल पंप पर उपलब्ध टॉइलेट के इस्तेमाल को लेकर दायर की गई याचिका पर सुनवाई के दौरान कहा कि हाइवे पर अगर कोई शौचालय मिल भी जाता है तो इसकी दशा देखने लायक नहीं रहती।

जस्टिस रावल ने जयपुर से रणथंभौर की अपनी ही यात्रा को याद करते हुए कहा कि उन्हें रास्ते में एक भीा शौचालय नहीं मिला। वहीं रास्ते में ओवर स्पीडिंग के लिए चार चालान कट गए। उन्होंने कहा, पब्लिक टॉइलट के चक्कर में गाड़ी की स्पीड बढ़ानी पड़ी और चार चालान कट गए।

बता दें कि पेट्रोल पंप के मालिकों ने हाई कोर्ट में याचिका फाइल कर कहा था कि उनके टॉइलेट को पब्लिक के लिए नहीं खोला जा सकता। इसपर हाई कोर्ट ने कहा कि हाइवे पर पब्लिक टॉइलेट की जिम्मेदारी एनएचएआई की है। कोर्ट ने अन्य देशों के मुकाबले भारत में पब्लिक टॉइलेट की उपलब्धता को बेहद कम बताया।

जस्टिस रावल ने कहा, सही तो यह है कि यह ड्यूटी एनएचएआई की है। अगर आप विदेश जाते हैं तो थोड़ी-थोड़ी दूर पर आपको स्टॉप मिलेगा, जहां आप चाय-कॉफी पी सकते हैं। इसके अलावा शौचालय का इस्तेमाल कर कते हैं। लेकिन हमारे यहां ऐसा नहीं है। अगर हाइवे पर पब्लिक टॉइलेट है भी तो वह बेकार है। अब सारा बोझ पेट्रोल पंप पर आ गिरता है। यह बहुत ही बुरी बात है।

केरल पेट्रोलियम डीलर्स असोसिएशन ने सिंगल जज बेंच के उस आदेश को चुनौती दी थी जिसमें कहा गया था कि हाइवे पर पेट्रोल पंप के टॉइलेज आम जनता के इस्तेमाल के लिए खुले रहने चाहिए। हाई कोर्ट ने सिंगल जज बेंच के निर्देशों में सुधार करते हुए कहा कि जो फ्यूल स्टेशन हाइवे पर नहीं हैं वे आम जनता को टॉइलेट इस्तेमाल करने से रोक भी सकते हैं।

Sanjay Saxena

BSc. बायोलॉजी और समाजशास्त्र से एमए, 1985 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय , मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के दैनिक अखबारों में रिपोर्टर और संपादक के रूप में कार्य कर रहे हैं। आरटीआई, पर्यावरण, आर्थिक सामाजिक, स्वास्थ्य, योग, जैसे विषयों पर लेखन। राजनीतिक समाचार और राजनीतिक विश्लेषण , समीक्षा, चुनाव विश्लेषण, पॉलिटिकल कंसल्टेंसी में विशेषज्ञता। समाज सेवा में रुचि। लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को समाचार के रूप प्रस्तुत करना। वर्तमान में डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से जुड़े। राजनीतिक सूचनाओं में रुचि और संदर्भ रखने के सतत प्रयास।

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