Hariyana: क्या वाकई नायब सरकार गिरा सकते हैं दुष्यंत चौटाला…?

नई दिल्ली। हरियाणा में राजनीतिक उठापटक लगातार जारी है। बीजेपी सरकार पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं. तीन निर्दलीय विधायकों ने नायब सैनी सरकार से समर्थन वापस ले लिया है, जिसके बाद उनकी सरकार अल्पमत में आ गई है और सरकार गिरने का खतरा गहरा गया है. उधर हरियाणा में कभी बीजेपी की सहयोगी पार्टी रही जेजेपी के दुष्यंत चोटाला ने कांग्रेस को बीजेपी नायब सरकार गिराने का खुला ऑफर दे दिया है. दुष्यंत चौटाला ने कहा है कि अगर कांग्रेस हरियाणा की बीजेपी सरकार गिराती है तो वह उसको बाहर से पूरा समर्थन देंगे।

चौटाला का कहना है कि नायब सरकार गिरने के लिए वह विपक्ष का साथ देने का लिए तैयार हैं. इसके बाद राजनीति में दिलचस्पी रखने वालों के जहन में एक ही सवाल चल रहा है कि क्या दुष्यंत चौटाला वाकई में नायब सरकार गिराने की ताकत रखते हैं. इस सवाल के जवाब आपको बारीकी से समझना होगा।दुष्यंत चौटाला के कहे मुताबिक, अगर वह कांग्रेस को नायब सरकार गिराने के लिए बाहर से समर्थन देते हैं और उनके सभी 10 विधायक इसमें उनका साथ दें, और दो अन्य निर्दलीय भी उनके साथ आ जाएं, तब ही नायब सरकार को गिरा पाना चौटाला के लिए संभव हो सकेगा. क्यों कि कांग्रेस के पास फिलहाल 30 विधायक+ 10 विधायक जेजेपी+ 3 बीजेपी से समर्थन वापस लेने वाले निर्दलीय+ 2 अन्य निर्दलीय, ये सभी मिल जाएं, तब ही दुष्यंत चटाला का ये सपना पूरा हो सकेगा।

दरअसल सरकार बनाने के लिए किसी भी दल के पास 45 विधायक होने जरूरी हैं. लेकिन बीजेपी दावा कर रही है कि जेजेपी के 6 असंतुष्ट विधायक उनके साथ हैं. अगर वाकई ऐसा है तो चौटाला का संख्या बल कम हो जाएगा और नायब सरकार को गिराने का उनका सपना अधूरा ही रह जाएगा।

हरियाणा विधानसभा में नंबरों का गणित
हरियाणा की 90 सदस्यीय विधानसभा में सदस्यों की मौजूदा क्षमता 88 है. विधानसभा में बीजेपी के 40, कांग्रेस के 30 और जेजेपी के 10, 6 निर्दलीय, 1 विधायक इनोले और 1 विधायक हरियाणा लोकहित पार्टी से है. विधानसभा में दो सीटें अभी खाली हैं, जिस पर 25 मई को उपचुनाव होना है. नायब सिंह सैनी सरकार के पास बहुमत से दो विधायक कम हैं. वर्तमान में नायब सैनी सरकार को दो अन्य निर्दलीय विधायकों का समर्थन प्राप्त है, जिन्होंने अब समर्थन वापस लेते हुए सरकार का साथ छोड़ दिया है।

Sanjay Saxena

BSc. बायोलॉजी और समाजशास्त्र से एमए, 1985 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय , मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के दैनिक अखबारों में रिपोर्टर और संपादक के रूप में कार्य कर रहे हैं। आरटीआई, पर्यावरण, आर्थिक सामाजिक, स्वास्थ्य, योग, जैसे विषयों पर लेखन। राजनीतिक समाचार और राजनीतिक विश्लेषण , समीक्षा, चुनाव विश्लेषण, पॉलिटिकल कंसल्टेंसी में विशेषज्ञता। समाज सेवा में रुचि। लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को समाचार के रूप प्रस्तुत करना। वर्तमान में डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से जुड़े। राजनीतिक सूचनाओं में रुचि और संदर्भ रखने के सतत प्रयास।

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