मुंबई। पीएमएलए के प्रावधानों के तहत गुजरात के सूरत और अहमदाबाद में तथा मुंबई में संघीय जांच एजेंसी के अहमदाबाद क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा छापे मारे गए।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार (25 जून, 2025) को जालसाजों के खिलाफ धन शोधन जांच के तहत गुजरात और महाराष्ट्र में छापेमारी की, जिन पर कथित तौर पर डिजिटल गिरफ्तारी जैसे साइबर अपराध और अवैध रूप से 100 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि विदेश में स्थानांतरित करने का आरोप है।
ये छापे गुजरात के सूरत और अहमदाबाद तथा मुंबई में संघीय जांच एजेंसी के अहमदाबाद क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत मारे गए।
सूत्रों ने बताया कि धन शोधन का मामला मकबूल डॉक्टर, काशिफ डॉक्टर, बासम डॉक्टर, महेश मफतलाल देसाई, माज अब्दुल रहीम नाडा और कुछ अन्य के खिलाफ 2024 की गुजरात पुलिस की प्राथमिकी से उपजा है।
उन्होंने बताया कि आरोपियों पर विभिन्न साइबर धोखाधड़ी जैसे फर्जी यूएसडीटी ट्रेडिंग (क्रिप्टो करेंसी), डिजिटल गिरफ्तारी, कानून प्रवर्तन एजेंसियों के फर्जी नोटिस भेजकर निर्दोष व्यक्तियों को धमकाने आदि के जरिए आम जनता को ठगने में शामिल होने का आरोप है।
डिजिटल गिरफ्तारी’ और पुलिस या जांच एजेंसियों के नाम पर भेजे गए फर्जी समन या नोटिस जैसी साइबर धोखाधड़ी के कारण पिछले कुछ वर्षों में बड़ी संख्या में लोग ठगे गए हैं, क्योंकि पीड़ितों को इंटरनेट आधारित सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर वीडियो कॉल पर रहने के लिए मजबूर किया जाता है और घोटालेबाज कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा कार्रवाई की धमकी देकर उनसे पैसे ऐंठ लेते हैं।
सूत्रों के अनुसार, ईडी को संदेह है कि इस साइबर धोखाधड़ी के माध्यम से पीड़ितों से प्राप्त धनराशि बैंक खातों में एकत्र की गई थी, जो या तो फर्जी व्यक्तियों के केवाईसी का उपयोग करके या पहचान दस्तावेजों को जाली बनाकर खोले गए थे।
सूत्रों ने बताया कि इस तरह के अवैध धन को विभिन्न ‘अंगड़िया’ या हवाला ऑपरेटरों के माध्यम से क्रिप्टो करेंसी में परिवर्तित किया गया और संदेह है कि उन्होंने हाल के दिनों में 100 करोड़ रुप