कांग्रेस ने कर्नाटक को बनाया लूट का एटीएम : मोदी


पुणे/बेंगलुरु। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कर्नाटक के बागलकोट में जनसभा की। उन्होंने कहा- कांग्रेस पार्टी ने कर्नाटक को भी अपनी लूट का ्रञ्जरू बना लिया है। इतने कम समय में ही इन लोगों ने कर्नाटक का सरकारी खजाना खाली कर दिया है।
प्रधानमंत्री ने कहा- आज ये लोग एक झटके में गरीबी हटाने का दावा करते हैं, लेकिन इनकी 60 साल की सरकार, इनकी कई पीढिय़ों का काम गवाह है कि वंचित वर्ग के लिए इनकी मानसिकता क्या रही है? उनके दुख, उनकी तकलीफ से कांग्रेस और उनके साथियों को कोई वास्ता नहीं था।
बागलकोट के बाद मोदी महाराष्ट्र के पुणे, सातारा, सोलापुर में भी जनसभाएं करेंगे। इससे पहले मोदी ने 28 अप्रैल (रविवार) को भी कर्नाटक के बेलगावी, उत्तर कन्नड़, दावणगेरे और बेल्लारी में चार सभाएं की थीं।
कांग्रेस ने अपने कार्यकाल में गरीबों की चिंता नहीं की थी। उन्होंने करोड़ों लोगों को बदहाली का जीवन जीने के लिए मजबूर कर रखा था। कांग्रेस के समय 18 हजार गांव के करोड़ों लोग अंधेरे में जिंदगी गुजारते थे। रात होते ही गांव में सन्नाटा पसर जाता था। कितनी पीढिय़ों तक बच्चों को पढ़ाई के लिए रोशनी नहीं मिली।
मोदी को अवसर दिया गया तो हमने गांव तक बिजली पहुंचाने का संकल्प पूरा किया। उस समय ये मजाक उड़ाते थे कि पहाड़, जंगल से गुजरकर गांव तक बिजली कैसे पहुंचेगी। अब मोदी ने 75 फीसदी से ज्यादा घरों तक पानी पहुंचा दिया। 5 साल में 11 करोड़ कनेक्शन दिए।
कांग्रेस को गरीब और वंचितों की रत्ती भर चिंता नहीं होती थी। कांग्रेस का यही रवैया हमारे बॉर्डर के गांवों को लेकर रहा। जानबूझकर उन्हें विकास से वंचित रखा गया। मोदी सरकार ने सीमा पर बसे गांवों को आखिरी गांव नहीं, पहला गांव कहा और विकास किया।

Sanjay Saxena

BSc. बायोलॉजी और समाजशास्त्र से एमए, 1985 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय , मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के दैनिक अखबारों में रिपोर्टर और संपादक के रूप में कार्य कर रहे हैं। आरटीआई, पर्यावरण, आर्थिक सामाजिक, स्वास्थ्य, योग, जैसे विषयों पर लेखन। राजनीतिक समाचार और राजनीतिक विश्लेषण , समीक्षा, चुनाव विश्लेषण, पॉलिटिकल कंसल्टेंसी में विशेषज्ञता। समाज सेवा में रुचि। लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को समाचार के रूप प्रस्तुत करना। वर्तमान में डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से जुड़े। राजनीतिक सूचनाओं में रुचि और संदर्भ रखने के सतत प्रयास।

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