MP. zero tolerance: मंत्री ने कमीशन ले लिया, काम नहीं दिया, पूरे पैसे भी वापस नहीं किए… सोशल मीडिया पर आया एक और पत्र…
भोपाल। मध्य प्रदेश में भ्रष्टाचार के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। आज प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष केके मिश्रा ने गाजियाबाद निवासी अजय जैन का पत्र ट्विटर के माध्यम से वायरल किया है। इसमें कहा गया है कि मंत्री कमल पटेल ने उनसे कमीशन एडवांस ले लिया, लेकिन काम नही दिया। बाद में दबाव बनाने के बावजूद पूरे पैसे वापस नहीं किए।
सोशल मीडिया पर वायरल पत्र का मजमून इस प्रकार है…
निवेदन है कि में मूलतः गाजियाबाद का रहने वाला है और दिल्ली में प्रचार प्रसार की फर्म का संचालन करता हूँ करीब दो साल पहले मेरा संपर्क कृषि मंत्री कमल पटेल के बंगले पर उनके सहायक राजेश पटेल से हुआ था उनके बंगले पर मे मंडी बोर्ड से करीब 20 करोड़ रूपए की लागत से प्रदेश की मंडियों में होने वाले प्रचार प्रसार के काम के सिलसिले में गया। प्रदेश की मंडियों में सरकारी होर्डिंग लगने थे। राजेश के जरिए मेरा संपर्क वकील आयुष वाजपेयी से हुआ। मुझसे इस काम को देने के बदले दो करोड़ की राशि बतौर एडवांस मांगी गई। यह राशि मैने को उनके घर से जाकर दी। इस राशि को देने के बाद मेरी मुलाकात दो से तीन बार कृषि मंत्री कमल पटेल से कराई गई। उन्होंने भी मुझे भरत किया कि जल्द मुझे कार्य आदेश दे दिया जाएगा लेकिन जब दो साल तक आदेशा नहीं दिया गया तो मैंने एडवांस राशि वापस माँगना शुरू कर दी। लेकिन यह लोग हर बार किसी न किसी बढ़ाकर टाल देते थे। विभाग में पदस्थ एक आईएएस अधिकारी ने भी मुझे बताया कि इन राशि वापस ले लो ह लोग रुपये लेकर भी काम नहीं करते हैं।
मैंने यह बात अपने परिचित भोपाल के वरिष्ठ पत्रकार रवीन्द्र जैन जी को बताई। जैन साहब बहुत अच्छे व्यक्ति है। वे अगले दिन कमल पटेल के बंगले पर गए और मेरी परेशानी उन्हें बताई। जिसके अगले दिन मुझे 50 लाख रुपये मंत्री के बंगले से से आने के लिए मोबाइल आया। मैंने संतोष भट्ट नामक बंगले के कर्मचारी से पचास लाख रुपये से लिए। इसके बाद थोड़े थोड़े करके एक करोड़ 55 लाख वापस कर दिए। अब 45 लाख रुपये वापस करने में फिर आनाकानी कर रहे हैं। कृपया करके मुझे शेष राशि वापस दिलाने का कष्ट करें। अन्यथा में कोई गलत कदम उठाने को मजबूर हो जाऊंगा जिसके जिम्मेदार कृषि मंत्री कमल पटेल और उनके सहयोगी होंगे। मेरे पास उनके सहयोगियों के साथ मोबाइल पर हुई बात और कॉल की रिकोर्डिंग सबूत के तौर पर मौजूद है।
अजय जैन